विज्ञापन
This Article is From Jun 12, 2021

झारखंड : किसान ने मुफ्त में तरबूज देने की पेशकश की, सेना ने बाजार मूल्य पर खरीद लिए

लॉकडाउन के चलते झारखंड के किसान रंजन अपने खेत का तरबूज जब नहीं बेच पाये तो उन्होंने रामगढ़ छावनी के सिख रेजिमेंटल सेंटर के सैनिकों को पांच टन तरबूज की पेशकश की लेकिन सेना ने तरबूज बाजार कीमत पर खरीद लिये.

झारखंड : किसान ने मुफ्त में तरबूज देने की पेशकश की, सेना ने बाजार मूल्य पर खरीद लिए
झारखंड में सेना के जवानों ने किसान से खरीदा 5 टन तरबूज. (फाइल फोटो)
रामगढ़:

रांची विश्वविद्यालय से स्नातक 25 वर्षीय रंजन कुमार महतो कोरोना वायरस संक्रमण पर रोक के लिए झारखंड में लॉकडाउन लागू होने के चलते अपने खेत के तरबूज जब नहीं बेच पाये तो उन्होंने रामगढ़ छावनी के सिख रेजिमेंटल सेंटर के सैनिकों को पांच टन तरबूज की पेशकश की लेकिन सेना ने तरबूज बाजार कीमत पर खरीद लिये. रामगढ़ स्थित सिख रेजिमेंटल सेंटर के कमांडेंट ब्रिगेडियर एम श्रीकुमार सहित एसआरसी के अधिकारी किसान रंजन कुमार महतो से इतने प्रभावित हुए कि बोकारो जिले के पास स्थित उनके खेत पर पहुंचे और तरबूज की उनकी उपज खरीद ली.

भारत में 70 दिनों में कोरोना वायरस के सबसे कम नए मामले, 4 हजार से ज्यादा की मौत

कमांडेंट ब्रिगेडियर एम श्रीकुमार ने बताया कि उन्हें युवा किसान रंजन कुमार महतो की तरबूज की खेती के बारे में उन्हें जानकारी मिली और पता चला कि कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार पर रोक के लिए राज्य में लागू लॉकडाउन के कारण वह तरबूज की पैदावार को उचित दाम पर नहीं बेच पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें पता चला कि महतो ने इस कारण से लगभग सवा सौ टन की तरबूज की पैदावार में से पांच टन तरबूज मुफ्त में सेना को देने का प्रस्ताव किया है.

कुमार ने बताया कि पूरे मामले की जानकारी होने पर आज वह सपरिवार एवं अपने अन्य अधिकारियों के साथ महतो के खेत पर पहुंचे और वहां से सेना के ट्रकों में तरबूज रेजिमेंटल सेंटर ले आये.

उन्होंने बताया कि महतो ने सेना को तरबूज मुफ्त देने का प्रस्ताव दिया था लेकिन ‘‘हमने उन्हें बाजार भाव पर मूल्य चुकाया और उनका भरसक उत्साहवर्धन भी किया.'' वहीं युवा किसान महतो ने बताया कि उन्होंने रांची विश्वविद्यालय से कुछ वर्षों पूर्व स्नातक करने के बाद व्यावसायिक खेती करने का फैसला किया था और 25 एकड़ भूमि लीज पर ली थी. महतो ने बताया कि उन्होंने इस वर्ष उसमें से पांच एकड़ भूमि पर लगभग 15 लाख रुपये की लागत से तरबूज की खेती की लेकिन लॉकडाउन के चलते तरबूज के खरीददार ही नहीं मिल रहे थे.

कांग्रेस के लिए रेड अलर्ट: सचिन पायलट ने दिल्ली में डाला डेरा, राजस्थान संकट के समाधान की मांग

महतो ने बताया कि उन्होंने अपने खेतों में कई अन्य प्रकार की सब्जियां भी उगायी हैं लेकिन राज्य में लागू लॉकडाउन के चलते उन्हें इस वर्ष भारी नुकसान उठाना पड़ा है. उन्होंने कहा, ‘‘रामगढ़ से सेना के सिख रेजिमेंटल सेंटर के अधिकारी उनके बुलावे पर आज उनके खेतों पर पहुंचे और पांच टन तरबूज खरीद कर ले गये. अधिकारियों ने विशेषकर कमांडेंट ब्रिगेडियर श्रीकुमार ने उनका तथा उनके कामगारों का बहुत उत्साहवर्धन किया.''

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com