नई दिल्ली:
मणिपुर के चंदेल इलाके में गुरुवार सुबह उग्रवादियों के हमले में 18 सैन्यकर्मी मारे गए जबकि 11 घायल हो गए। उग्रवादियों के हमले के बाद इलाके में चौकसी बढ़ा दी गई है। सेना के जवान सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर इस हमले से जुड़े हालातों पर एक नजर-
1- सेना के कमांडो दो ट्रकों में भरकर जा रहे थे। हमले के वक्त वे तुरंत कार्रवाई नहीं कर सके थे। दरअसल, वाहनों में ताला लगा हुआ था, जिसके कारण वे बाहर नहीं निकल सके थे।
2- तकरीबन 50 उग्रवादियों द्वारा इस हमले को अंजाम दिया गया।
3- इस हमले को लेकर इस इलाके में मौजूद इंटेलिजेंस एजेंसियों की विफलता ही कहा जाएगा, क्योंकि किसी ने इस बात पर ध्यान केंद्रित नहीं किया कि लोगों का इतना बड़ा हुजुम (उग्रवादियों का) आखिर कहां आवाजाही कर रहा है?
4- उग्रवादियों ने यूएस में बने हुए रॉकेट लॉन्चर्स का इस्तेमाल किया।
5- सेनाध्यक्ष दीमापुर में शहीद हुए जवानों को आखिरी विदाई देते समय मौजूद रह सकते हैं।
6- सेना ने दीमापुर से जवानों के पार्थिव शरीर को ले जाने के लिए आईएएफ के विमानों की गुजारिश की थी।
7- शहीद हुए 18 सैनिकों में से छह जम्मू-कश्मीर से थे और उनके शरीर वहां भेजे जा चुके हैं। सात हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर से थे और उनके पार्थिव चंडीगढ़ भेजे जा चुके हैं।
8- शहीद हुए सैनिकों में दो उत्तर प्रदेश से थे, 1-1 सैनिक कर्नाटक, पंजाब और मध्य प्रदेश के रीवा से थे। ज्यादातर सैनिकों के पार्थिव शरीरों को उनके गांवों में कल तक पहुंचवा दिया जाएगा।
9- ऑल इंडिया रेडियो के मुताबिक़, नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ़ नगालैंड-खपलांग (NSCN-K), कांगेली येवोल कन्ना लूप (KYKL) और कांगलेपाक कम्यूनिस्ट पार्टी (KCP) ने संयुक्त रूप से हमले की ज़िम्मेदारी ली है।
10- रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और सेना प्रमुख दलबीर सिंह ने इस हमले की गंभीरता के मद्देनजर गुरुवार को गृह मंत्री से मुलाकात की।
सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर इस हमले से जुड़े हालातों पर एक नजर-
1- सेना के कमांडो दो ट्रकों में भरकर जा रहे थे। हमले के वक्त वे तुरंत कार्रवाई नहीं कर सके थे। दरअसल, वाहनों में ताला लगा हुआ था, जिसके कारण वे बाहर नहीं निकल सके थे।
2- तकरीबन 50 उग्रवादियों द्वारा इस हमले को अंजाम दिया गया।
3- इस हमले को लेकर इस इलाके में मौजूद इंटेलिजेंस एजेंसियों की विफलता ही कहा जाएगा, क्योंकि किसी ने इस बात पर ध्यान केंद्रित नहीं किया कि लोगों का इतना बड़ा हुजुम (उग्रवादियों का) आखिर कहां आवाजाही कर रहा है?
4- उग्रवादियों ने यूएस में बने हुए रॉकेट लॉन्चर्स का इस्तेमाल किया।
5- सेनाध्यक्ष दीमापुर में शहीद हुए जवानों को आखिरी विदाई देते समय मौजूद रह सकते हैं।
6- सेना ने दीमापुर से जवानों के पार्थिव शरीर को ले जाने के लिए आईएएफ के विमानों की गुजारिश की थी।
7- शहीद हुए 18 सैनिकों में से छह जम्मू-कश्मीर से थे और उनके शरीर वहां भेजे जा चुके हैं। सात हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर से थे और उनके पार्थिव चंडीगढ़ भेजे जा चुके हैं।
8- शहीद हुए सैनिकों में दो उत्तर प्रदेश से थे, 1-1 सैनिक कर्नाटक, पंजाब और मध्य प्रदेश के रीवा से थे। ज्यादातर सैनिकों के पार्थिव शरीरों को उनके गांवों में कल तक पहुंचवा दिया जाएगा।
9- ऑल इंडिया रेडियो के मुताबिक़, नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ़ नगालैंड-खपलांग (NSCN-K), कांगेली येवोल कन्ना लूप (KYKL) और कांगलेपाक कम्यूनिस्ट पार्टी (KCP) ने संयुक्त रूप से हमले की ज़िम्मेदारी ली है।
10- रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और सेना प्रमुख दलबीर सिंह ने इस हमले की गंभीरता के मद्देनजर गुरुवार को गृह मंत्री से मुलाकात की।
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