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This Article is From Feb 06, 2021

"स्पष्ट तौर पर वे कृषि कानूनों के बारे में ज्यादा नहीं जानते": विदेशी हस्तियों के ट्वीट पर बोले मंत्री

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कुछ सेलेब्रिटी पर भी निशाना साधा जिन्होंने इस मुद्दे पर टिप्पणी की, जबकि वे इस मुद्दे पर ज्यादा कुछ नहीं जानते हैं.

"स्पष्ट तौर पर वे कृषि कानूनों के बारे में ज्यादा नहीं जानते": विदेशी हस्तियों के ट्वीट पर बोले मंत्री
विदेश मंत्री ने कहा कि Tool Kit की जांच से ज्यादा जानकारी सामने आएगी
नई दिल्ली:

विदेश मंत्री एस जयशंकर (Foreign Minister S Jaishankar) ने कहा है कि किसानों के मुद्दे पर पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग और अन्य के द्वारा ट्वीट करते वक्त साझा की गई टूल किट (Tool Kit) से अहम जानकारी सामने आई है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि इस टूल किट से पता चलता है कि गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हिंसा (Republic Day Violence) एक बड़ी साजिश का हिस्सा थी. 

जयशंकर ने कहा कि दिल्ली पुलिस की जांच के साथ और ब्योरा सामने लाया जाएगा. जयशंकर ने कुछ सेलेब्रिटी पर निशाना साधते हुए कहा कि स्पष्ट तौर पर ज्यादा कुछ न जानते हुए जिन्होंने अपनी बात रखी थी. एएनआई ने जयशंकर के हवाले से कहा, "टूल किट से बहुत कुछ खुलासा हुआ है. हमें  इंतजार करना होगा कि क्या सामने आता है. कुछ सेलेब्रिटी के इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देने पर विदेश मंत्रालय की टिप्पणी आने का यही कारण था. उन्होंने ऐसे मुद्दे पर टिप्पणी की, जिसके बारे में उन्हें स्पष्ट तौर पर ज्यादा जानकारी नहीं थी." 

ग्रेटा थनबर्ग ने किसान आंदोलन पर ट्वीट के साथ एक टूलकिट शेयर की थी, जिसमें किसानों का समर्थन करने के तमाम आइडिया सुझाए गए थे. लेकिन इनमें से ज्यादातर सुझाव गणतंत्र दिवस से जुड़े हुए प्रतीत हो रहे थे. हालांकि उन्होंने तुरंत ही इस टूल किट को डिलीट कर दिया और अगले दिन नया लिंक साझा किया. इसमें उन्होंने लिखा कि पुराना दस्तावेज इसलिए हटाया गया, क्योंकि यह काम का नहीं था.

दिल्ली पुलिस की साइबर सेल यूनिट ने शुक्रवार को गूगल और सोशल मीडिया कंपनियों को लिखा है और डॉक्यूमेट बनाने वाले से जुड़े खातों के साथ ईमेल आईडी, यूआरएल समेत तमाम अन्य रिकॉर्ड मांगे गए हैं.

दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कुछ लोगों ने टूल किट का यह डॉक्यूमेंट तैयार किया था और इनकी पहचान करना बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह साजिश का एक हिस्सा हो सकती है. शुरुआती तौर पर यह टूलकिट पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन से जुड़ी प्रतीत होती है, जो एक खालिस्तानी समूह है.

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