भाकपा के वरिष्ठ नेता गोविंद पनसारे की शुक्रवार रात मुंबई के एक अस्पताल में मौत हो गई। उन्हें कोल्हापुर से आज शाम एयर एंबुलेंस से इलाज के लिए शहर में लाया गया था। उन्हें इस हफ्ते की शुरुआत में गोली मार दी गई थी। वह 82 साल के थे।
‘टोल’ के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व कर रहे पनसारे और उनकी पत्नी को गत 16 फरवरी को उस वक्त गोली मार दी गई थी जब वे सुबह की सैर पर निकले थे।
गोली लगने के तुरंत बाद कोल्हापुर के एक अस्पताल में सर्जरी के बाद पनसारे को आज शाम एयर एंबुलेंस से यहां लाया गया। इस एयर एंबुलेंस की व्यवस्था महाराष्ट्र सरकार ने की थी।
एक अधिकारी ने बताया कि उन्हें ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
भाकपा ने अपने वरिष्ठ नेता की मौत पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी नेता ए अभयंकर ने कहा कि सरकार को पनसारे के हत्यारों को पकड़ने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहिए। सामाजिक कार्यकर्ता बाबा जाधव ने कहा कि अंधविश्वास विरोधी कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर की डेढ़ साल पहले हत्या के बाद पनसारे की हत्या हुई है।
सोमवार को पनसारे और उनकी पत्नी उमा को अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। भाकपा नेता को उनकी गर्दन, कांख और घुटने के निकट दाहिने पैर में तीन गोलियां लगी थीं। पनसारे राज्य में रोड टोल टैक्स के खिलाफ अभियान का नेतृत्व कर रहे थे।
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