नई दिल्ली:
धार्मिक प्रवचन करने वाले आसाराम ने दिल्ली सामूहिक बलात्कार पीड़िता के बारे में दिए गए अपने विवादास्पद बयान की चारों तरफ हो रही आलोचनाओं से विचलित होने के बजाय उल्टे अपनी टिप्पणियों को न्यायोचित ठहराने की कोशिश की और अपनी आलोचना करने वालों को ‘भौंकने वाले कुत्ते’ करार दिया।
आसाराम ने अपनी तुलना उस हाथी से की जो ‘भौंकने वाले कुत्तों’ पर ध्यान नहीं देता और कहा कि 16 दिसंबर को हुई सामूहिक बलात्कार की घटना के बारे में दिए गए उनके बयान को मीडिया और आलोचकों ने गलत अर्थ में लिया।
आसाराम ने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘पहले एक कुत्ता भौंकता है। इसके बाद एक अन्य कुत्ता भौंकता है।
जल्द ही पड़ोस के सभी कुत्ते भौंकना शुरू कर देते हैं।’ उन्होंने स्वयं अपनी ओर इशारा करते हुए कहा, ‘यदि हाथी कुत्तों के पीछे दौड़ता है, तब कुत्तों का महत्व बढ़ता है। इस वजह से हाथी आगे बढ़ता जाता है। वे वह कह सकते हैं जो उन्हें पसंद है। मैं ध्यान नहीं देता हूं। मैं अब भी कहना चाहूंगा कि मुझे क्यों कुत्तों के पीछे भागना चाहिए।’
आसाराम ने अपनी तुलना उस हाथी से की जो ‘भौंकने वाले कुत्तों’ पर ध्यान नहीं देता और कहा कि 16 दिसंबर को हुई सामूहिक बलात्कार की घटना के बारे में दिए गए उनके बयान को मीडिया और आलोचकों ने गलत अर्थ में लिया।
आसाराम ने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘पहले एक कुत्ता भौंकता है। इसके बाद एक अन्य कुत्ता भौंकता है।
जल्द ही पड़ोस के सभी कुत्ते भौंकना शुरू कर देते हैं।’ उन्होंने स्वयं अपनी ओर इशारा करते हुए कहा, ‘यदि हाथी कुत्तों के पीछे दौड़ता है, तब कुत्तों का महत्व बढ़ता है। इस वजह से हाथी आगे बढ़ता जाता है। वे वह कह सकते हैं जो उन्हें पसंद है। मैं ध्यान नहीं देता हूं। मैं अब भी कहना चाहूंगा कि मुझे क्यों कुत्तों के पीछे भागना चाहिए।’
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