सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा कि 2002 में महाराष्ट्र में सूचना का अधिकार कानून लागू किया गया और 2005 में केंद्र सरकार ने यह कानून बनाया।
अन्ना ने कहा कि जनलोकपाल, राइट टू रिजेक्ट, राइट को रिकॉल से देश का 80 फीसदी भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा।
उनका कहना है कि राजनेता यह नहीं चाहते कि भ्रष्टाचार खत्म हो। इसी के लिए 25 साल से लड़ाई लड़ी जा रही है। उन्होंने कहा कि इसीलिए अनशन किया गया था। सरकार ने मंत्री भेजे और संसद में प्रस्ताव पारित हो गया।
लेकिन, सोनिया गांधी, पीएम और संसद के आश्वासन के बाद भी धोखा हुआ। सरकार ने अन्ना हजारे और जनता के साथ धोखा किया। दो साल बीत गए, लेकिन सरकार ने अपने वादे को पूरा नहीं किया।
अन्ना ने कहा कि जहां सरकार एक रात में कानून बना देती है, वहीं दो साल से बिल पास नहीं हो पा रहा है। 23 नवंबर 2012 से बिल राज्यसभा में पड़ा हुआ है, जहां पर मात्र चर्चा कर इसे पास कर लागू किया जाना है। लेकिन आज तक पीएमओ कार्यालय से चिट्ठी आती है कि अब संसद में लाया जाएगा।
अब तक यह लागू नहीं हुआ है। यही वजह है कि इस बार आमरण अनशन फिर किया जाएगा। इस बार 10 दिसंबर से यह अनशन किया जाएगा।
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