New Delhi:
गांधीवादी अन्ना हजारे को हिरासत में लिए जाने के विरोध में महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले स्थित उनके गांव में विरोध प्रदर्शन हुआ। लोगों ने अपने पशुओं के साथ यातायात को बाधित किया। अनशन के लिए तैयारी कर रहे 73 साल के हजारे को आज सुबह दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया। हजारे के गांव रालेगण सिद्धि में लोग जमा हुए और सड़कों पर यातायात बाधित किया। हजारे के सहयोगी दत्ता अवारी ने बताया, पूरा गांव आज बंद में शमिल हो रहा है। युवा और स्कूली बच्चे भी विरोध प्रदर्शनों में शामिल हुए। ग्राम समिति के सदस्य भीम पोटे ने कहा कि हजारे को हिरासत में लेने का कदम नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों के खिलाफ उठाया गया कदम है । उन्होंने कहा कि इस कदम के विरोध में आज बंद का आह्वान किया गया है। हजारे के समर्थक आज दिन में अहमदनगर में जिला अधिकारी के कार्यालय के बाहर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन भी करेंगे। अन्ना हजारे के समर्थन में जयपुर समेत राज्य के कई हिस्सों में आज उनके समर्थक सड़क पर उतर आए। जयपुर में कई स्थानों पर युवा एकत्र होकर हाथ में तिरंगा लिए हुए अन्ना हजारे तुम संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ है के नारे लगा रहे हैं। जागो जनता सोसायटी की अध्यक्ष पूनम चंद भंडारी ने कहा कि अन्ना के आन्दोलन में जयपुर की सभी सामाजिक संस्थाओं और शिक्षण संस्थाओं का सहयोग लिया जाएगा। जयपुर की मंत्री ऊषा चांदना ने कहा कि अन्ना हजारे के आन्दोलन के समर्थन में रैली निकाली जाएगी। रैली में राजधानी की कई संस्थाओं के प्रतिनिधि, राजस्थान उच्च न्यायालय के कई पूर्व न्यायाधीश, सिक्किम के पूर्व राज्यपाल प्रो सुरेन्द्र उपाध्याय शामिल होंगे। राज्य पुलिस नियंत्रण कक्ष की रिपोर्ट के अनुसार कई जिलों में अन्ना हजारे के समर्थन में रैली, प्रदर्शन और उपवास करने की सूचना है। उधर, उत्तरी दिल्ली के सिविल लाइंस इलाके की उस सरकारी इमारत के बाहर प्रदर्शन किया जहां अन्ना हजारे, शांति भूषण और उनके अन्य सहयोगियों को हिरासत में लेने के बाद लाया गया। पुलिस ने सरकार विरोधी नारे लगा रहे इन लोगों को हटने का आदेश दिया और इसकी अवहेलना के बाद इनमें से कई लोगों को हिरासत में लिया गया। इससे पहले इन लोगों ने कांग्रेस और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की थी और पुलिस मेस के बाहर की सड़क पर धरने पर बैठ गए थे। इस इलाके में बैरिकेड लगाए गए हैं और भारी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। गौरतलब है कि जन लोकपाल के मुद्दे पर अनशन करने के लिए जयप्रकाश नारायण पार्क में लागू निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के बाद अन्ना हजारे, शांति भूषण, अरविंद केजरीवाल और किरण बेदी को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया। हजारे और उनके सहयोगियों की रिहाई की मांग कर रहे इन लोगों ने सरकार के इस कदम को अलोकतांत्रिक बताया।वकीलों, शिक्षाविदों सहित समाज के सभी वर्गों के लोगों ने आज चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा में कई स्थानों पर अन्ना हजारे को दिल्ली में हिरासत में लिए जाने का विरोध किया और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले नागरिक समाज के सदस्यों के समर्थन में आवाज बुलंद की। अधिकारियों ने यहां बताया कि चंडीगढ़ में लोगों ने कई स्थानों पर रास्ते रोक दिए, जिससे सड़कों पर वाहनों की लम्बी-लम्बी कतारें देखी गईं। पंजाब और हरियाणा में लोग सड़कों पर उतर आए और नागरिक समाज के सदस्यों के समर्थन में नारे लगाए और रास्ता बंद कर दिया। पंजाब और हरियाणा में खराब मौसम के बावजूद कुछ स्थानों पर लोग सड़कों पर बैठ गए और यातायात बाधित किया। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि सप्रंग सरकार द्वारा अन्ना हजारे और दूसरे लोगों को गिरफ्तार किया जाना असंवैधानिक कदम है। आवाज नामक एक गैर सरकारी संगठन के कार्यकर्ताओं ने सप्रंग सरकार के खिलाफ सेक्टर सात और आठ में नारे लगाए। चंडीगढ़ के रैली मैदान में एक और गैर सरकारी संगठन इंडिया अगेंस्ट करप्शन ने नागरिक समाज के सदस्यों के समर्थन में भूख हड़ताल करने का फैसला किया। संगठन के संस्थापक सदस्य दविन्दर शर्मा ने संवाददाताओं को बताया कि संगठन के पांच कार्यकर्ता तब तक क्रमिक भूख हड़ताल करेंगे, जब तक सरकार मजबूत लोकपाल विधेयक तैयार नहीं करती। इस बीच दोनों राज्यों और उनकी साझा राजधानी चंडीगढ़ में विरोध प्रदर्शनों को देखते किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षा व्यवस्था मजबूत कर दी गई है।सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के समर्थन में हिमाचल प्रदेश के मंडी शहर में मंगलवार सुबह कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अनिश्चितकालीन अनशन शुरू किया। अन्ना हजारे को राजधानी दिल्ली में उनके प्रस्तावित अनशन से पहले ही हिरासत में ले लिया गया है। सूचना का अधिकार कार्यकर्ता लावन ठाकुर ने मंडी से बताया, "तय कार्यक्रम के अनुसार, हमने सख्त लोकपाल विधेयक के समर्थन में अपना अनशन शुरू किया है। चूंकि पुलिस ने अन्ना को हिरासत में ले लिया है, लिहाजा हमने अपनी पूर्व योजना के मुताबिक काम करने का निर्णय लिया है। जरूरत पड़ने पर हम गिरफ्तारी भी देंगे।" ठाकुर ने कहा कि अन्ना को हिरासत में लिया जाना खेदजनक है। पुलिस ने बताया कि मंडी के सेरी मंच इलाके में अन्ना हजारे के समर्थन में 100 से अधिक लोग जमा हुए। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एसआर मार्डी ने बताया, "जब तक वहां शांतिपूर्ण प्रदर्शन चलेगा, हम कोई हस्तक्षेप नहीं करेंगे लेकिन हम किसी को कानून-व्यवस्था के साथ छेड़छाड़ करने की अनुमति नहीं देंगे।" अन्ना के समर्थन में पटना सहित बिहार के लगभग सभी क्षेत्रों के लोग सड़कों पर उतर गए। पटना में जहां अन्ना की गिरफ्तारी के विरोध में धरना और अनशन हो है वहीं शेखपुरा और पूर्णिया सहित कई क्षेत्रों में जुलूस निकाला गया। पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान के समीप कारगिल चौक पर सैकड़ों लोग अन्ना के समर्थन में सुबह से ही धरना और अनशन पर बड़े-बड़े बैनर और पोस्टर लेकर बैठ गए। धीरे-धीरे इस स्थल पर लोगों की भीड़ बढ़ती जा रही है। अनशन कार्यक्रम में बुजुर्ग, बच्चे और महिलाएं बड़ी संख्या में शामिल हुए हैं। धरना पर बैठे शिक्षाविद् एनके चौधरी ने कहा, "अन्ना की गिरफ्तारी भारत में जनतांत्रिक अधिकारों पर सीधा हमला है। वर्ष 1974 में जयप्रकाश नारायण का आंदोलन जो मुख्य रूप से भ्रष्टाचार के विरोध में था बिहार से प्रांरभ हुआ था और इस आंदोलन में भी बिहार के लोग बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेंगे। उन्होंने सभी छात्रों, शिक्षकों और बुद्धिजीवियों से इस आंदोलन में आगे आने की अपील की।" अनशन स्थल पर बड़ी संख्या में बच्चे और महिलाएं मौजूद हैं। बच्चे भारत माता और भ्रष्टाचार का प्रतीकात्मक रूप लिए हुए हैं। पटना में कई चौक-चौराहों पर अन्ना समर्थक खड़े होकर भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूकता अभियान चला रहे हैं। इस आंदोलन में वकील, शिक्षाविद्, समाजसेवी, छात्र सहित सभी तबके के लोग शामिल हो रहे हैं।
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