समाजसेवी अन्ना हजारे ने मंगलवार को एक कार्यक्रम में इस बात का खुलासा किया कि उन्होंने शादी क्यों नहीं की. जींद में आयोजित एक समारोह में उन्होंने कहा कि देशभक्तों से मिली प्रेरणा के कारण उन्होंने शादी नहीं की. उन्होंने यह भी कहा कि अगर शादी कर लेता तो जनता की सेवा नहीं कर पाता. जिले के 38 गांवों में ग्रामीणों द्वारा स्थापित किए गए पुस्कालयों के उद्घाटन समारोह को मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित करते हुए अन्ना ने कहा, "मैंने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़कर जनता की सेवा की है. समाज हित के कार्य किए हैं. मुझे जेल में डाल रहे थे. मैंने कहा कि डालो मुझे जेल में, क्योंकि लाखों लोगों के जेल जाने के बाद ही भारत आजाद हुआ था."
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उन्होंने कहा, "देशभक्त भगत सिंह, राजगुरू को जब फांसी दी जा रही थी तो वे इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाते हुए फांसी पर चढ़ गए थे. मुझे इन्हीं देश भक्तों से प्रेरणा मिली है, इसलिए मैने शादी नहीं की. शादी कर लेता तो जनता की सेवा नहीं कर पाता. इसलिए मैंने शादी नहीं करने का मन बनाया. मैं मंदिर में रहता हूं जहां मुझे ऐसी सुख-शांति मिलती है, जिसके लिए लखपती लोग भी तरसते हैं."
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इससे पहले लोकसभा द्वारा सूचना के अधिकार कानून में संशोधन पारित करने के एक दिन बाद सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर इस कदम के जरिये भारतीय नागरिकों से धोखा करने का आरोप लगाया था. अन्ना हजारे ने कहा था, "भारत को आरटीआई कानून 2005 में मिला था लेकिन आरटीआई कानून में इस संशोधन से सरकार इस देश के लोगों के साथ धोखा कर रही है.'' 82 वर्षीय हजारे ने कहा था कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है लेकिन यदि देश के लोग आरटीआई कानून की शुचिता की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरें तो वह उनका साथ देने के लिए तैयार हैं.
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