यह ख़बर 18 सितंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

केजरीवाल की पार्टी समान लक्ष्य के लिए अपनाएगी अलग रास्ता : हजारे

खास बातें

  • अन्ना हजारे ने कहा कि उनके सहयोगी अरविन्द केजरीवाल द्वारा एक राजनीतिक संगठन का गठन किए जाने का अर्थ होगा कि भ्रष्टाचार मुक्ति के समान लक्ष्य के लिए एक अलग रास्ता अपनाया जाए।
पुणे:

राजनीतिक दल गठन नहीं करने के अपने दृष्टिकोण पर कायम रहते हुए प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने मंगलवार को कहा कि उनके सहयोगी अरविन्द केजरीवाल द्वारा एक राजनीतिक संगठन का गठन किए जाने का अर्थ होगा कि भ्रष्टाचार मुक्ति के समान लक्ष्य के लिए एक अलग रास्ता अपनाया जाए।

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपने लिए तय किया है कि किसी राजनीतिक दल का गठन नहीं करूंगा और चुनाव भी नहीं लड़ूंगा। अरविन्द ने एक शुरूआत की है। इसका मतलब होगा कि भ्रष्टाचार मुक्त भारत के समान लक्ष्य के लिए एक अलग रास्ता अपनाया जाए।’’ उन्होंने यह बात संवाददाताओं के इस सवाल के जवाब में कही कि क्या केजरीवाल द्वारा नई राजनीतिक पार्टी का गठन किए जाने का मतलब होगा कि उनके एवं हजारे के बीच दरार आ जाएगी।

कुछ कार्यकर्ताओं के साथ अपने आंदोलन का मार्ग तय करने के लिए विचार-विमर्श के मकसद से यहां आए हजारे ने कहा कि यदि केजरीवाल की पार्टी साफ चरित्र वाले उम्मीदवारों को उतारती है तो वह चुनाव में उनका समर्थन करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘यदि अरविन्द की पार्टी उचित उम्मीदवार उतारती है तो हम उस विशिष्ट व्यक्ति का समर्थन करेंगे, सभी का नहीं।’’

भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेड़ने वाले हजारे ने कहा कि वह समान विचारों वाले लोगों के साथ कई बैठकें करेंगे जबकि वह चुनावी राजनीति में नहीं उतरेंगे। उनके आंदोलन की दिशा को निर्धारित करने तथा संसद में अच्छे लोगों को भेजने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वह अनुभवी सामाजिक कार्यकर्ताओं से बातचीत करके अपने आंदोलन की दिशा तय करने के लिए देशभर का दौरा करेंगे।

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हजारे ने कहा, ‘‘यह प्रक्रिया पुणे से शुरू हो गई है तथा दिल्ली में यह जारी रहेगी जहां मैं विचार-विमर्श के लिए 100 से 125 लोगों से मिल सकता हूं।’’ पुणे में हजारे से मुलाकात करने वालों में सूचना का अधिकार कानून (आरटीआई) कार्यकर्ता विशंभर चौधरी तथा सामाजिक कार्यकर्ता एवं पूर्व नौकरशाह अविनाश धर्माधिकारी शामिल हैं।