यह ख़बर 12 जून, 2012 को प्रकाशित हुई थी

अन्ना की पीएमओ को चुनौती, साबित करें आरोप

खास बातें

  • अन्ना हजारे ने सरकार पर पलटवार करते हुए उन्हें चुनौती दी है कि वे उन पर और उनके सहयोगियों पर लगाए गए आरोपों को सिद्ध करके दिखाएं।

अन्ना हजारे ने सरकार पर पलटवार करते हुए उन्हें चुनौती दी है कि वे उन पर और उनके सहयोगियों पर लगाए गए आरोपों को सिद्ध करके दिखाएं।

अन्ना ने एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि दरअसल सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ कानून बनाने की कोई मंशा नहीं है, और इसीलिए जन लोकपाल की ओर से जनता का ध्यान हटाने के लिए वह हम पर आरोप लगाने में व्यस्त है।


अन्ना हजारे ने अपने या अपनी टीम के किसी सदस्य के पीछे विदेशी ताकतों का हाथ होने का आरोप भी साफ नकार दिया, और चुनौती दी कि सरकार इस आरोप को साबित करके दिखाए। उन्होने साफ पूछा कि सरकार बताए कि वे कौन-सी विदेशी ताकतें हैं।

हजारे ने रालेगण सिद्धि में कहा, ‘सरकार भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए मजबूत लोकपाल को लेकर असमंजस की स्थिति में है। उसके इरादे ईमानदार नहीं हैं।’ उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री कार्यालय का कहना है कि लोकपाल विधेयक का मसौदा हमसे, हमारे सहयोगियों से सलाह मशविरे के बाद तैयार किया जा चुका है। वे लोगों को गुमराह कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘गत वर्ष हमारा मसौदा तैयार था, सरकार का मसौदा तैयार था। वे दोनों मसौदों को कैबिनेट के समक्ष रख सकते थे। समय नष्ट क्यों किया गया? यह स्पष्ट है कि उनमें मजबूत भ्रष्टाचार विरोधी विधेयक बनाने को लेकर इच्छाशक्ति की कमी है और वे लोगों को गुमराह कर रहे हैं।’

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