मुंबई:
टीम अन्ना भंग करने के बाद भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी आंदोलन के अगुवा अन्ना हजारे ने गुरूवार एक नई रणनीति की घोषणा की जिसके तहत एक राजनीतिक दल बनाने की बजाय जनता से ‘सही’ उम्मीदवारों को चुनने की अपील की जाएगी। गुरुवार जारी किए गए बयान में हजारे ने युवाओं से चुनावों में 90 फीसदी से ज्यादा मतदान सुनिश्चित करने की भी अपील की।
खासतौर पर महाराष्ट्र के भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ताओं को लक्ष्य करके की गई अपील में हजारे ने कहा, ‘कोई पार्टी बनाने या चुनाव लड़ने की जरूरत नहीं है बल्कि लोगों को एक विकल्प देने की आवश्यकता है।’ हजारे ने कहा, ‘केवल जनता के पास बदलाव लाने की शक्ति है और हमें उन्हें जागरूक करने का काम अपने हाथों में लेना है। मतदाताओं को विधानसभा और लोकसभा के चुनावों में सही उम्मीदवारों को चुनना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि देशभर से करीब 4,000 कार्यकर्ता इसके लिए आगे आए हैं और महाराष्ट्र से भी राष्ट्रीय और सामाजिक दृष्टि रखने वाले कार्यकर्ताओं की जरूरत है।
हजारे ने कहा, ‘एक बात जिसे बड़ी शिद्दत से महसूस किया गया, वह यह है कि यदि भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन शिकायतों के अध्ययन तक सीमित रहा और कुछेक लोगों को ही न्याय मिलता रहा तो इस आंदोलन और एक शिकायत निवारण केंद्र में कोई फर्क नहीं रह जाएगा।’
अपनी नई रणनीति में हजारे ने छह बिंदुओं पर काम करने का प्रस्ताव रखा है। पहला- ‘साफ-सुथरी’ छवि के उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान करना है। दूसरा- उम्मीदवार को खारिज करने का अधिकार प्राप्त करने के लिए दबाव बनाना। तीसरा- ग्राम सभाओं के लिए और अधिकारों की मांग करना। चौथा- सिटीजन चार्टर। पांचवां- सरकारी कामकाज में लेटलतीफी खत्म करना और छठा- पुलिस को लोकपाल या लोकायुक्त के मातहत लाना।
खासतौर पर महाराष्ट्र के भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ताओं को लक्ष्य करके की गई अपील में हजारे ने कहा, ‘कोई पार्टी बनाने या चुनाव लड़ने की जरूरत नहीं है बल्कि लोगों को एक विकल्प देने की आवश्यकता है।’ हजारे ने कहा, ‘केवल जनता के पास बदलाव लाने की शक्ति है और हमें उन्हें जागरूक करने का काम अपने हाथों में लेना है। मतदाताओं को विधानसभा और लोकसभा के चुनावों में सही उम्मीदवारों को चुनना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि देशभर से करीब 4,000 कार्यकर्ता इसके लिए आगे आए हैं और महाराष्ट्र से भी राष्ट्रीय और सामाजिक दृष्टि रखने वाले कार्यकर्ताओं की जरूरत है।
हजारे ने कहा, ‘एक बात जिसे बड़ी शिद्दत से महसूस किया गया, वह यह है कि यदि भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन शिकायतों के अध्ययन तक सीमित रहा और कुछेक लोगों को ही न्याय मिलता रहा तो इस आंदोलन और एक शिकायत निवारण केंद्र में कोई फर्क नहीं रह जाएगा।’
अपनी नई रणनीति में हजारे ने छह बिंदुओं पर काम करने का प्रस्ताव रखा है। पहला- ‘साफ-सुथरी’ छवि के उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान करना है। दूसरा- उम्मीदवार को खारिज करने का अधिकार प्राप्त करने के लिए दबाव बनाना। तीसरा- ग्राम सभाओं के लिए और अधिकारों की मांग करना। चौथा- सिटीजन चार्टर। पांचवां- सरकारी कामकाज में लेटलतीफी खत्म करना और छठा- पुलिस को लोकपाल या लोकायुक्त के मातहत लाना।
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Anna Hazare, Lokpal- Bill, Corrupation, अन्ना हजारे, लोकपाल- बिल, भ्रष्टाचार, नई रणनीति, New Strategy