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This Article is From Apr 05, 2011

अन्ना अनशन पर अड़े, पीएम ने जताई निराशा

नई दिल्ली: वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे भ्रष्टाचारनिरोधी लोकपाल विधेयक का स्वरूप तय करने में नागरिक समाज को शामिल किए जाने की मांग को लेकर मंगलवार से आमरण अनशन पर बैठेंगे।इस बीच, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने हजारे के अनशन पर अड़े रहने पर निराशा जताई और कहा कि वह हजारे और उनके मिशन का सम्मान करते हैं।प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान के अनुसार मंत्रियों की एक उपसमिति रक्षा मंत्री एके एंटनी के नेतृत्व में हजारे से मिला लेकिन वे उन्हें मनाने में असफल रहे। हजारे मसौदे को संपूर्ण रूप में स्वीकार करने पर अड़े हुए हैं। इससे पहले, पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, "चूंकि प्रधानमंत्री ने लोकपाल विधेयक का स्वरूप तय करने के लिए नागरिक समाज के लोगों के साथ एक संयुक्त समिति गठित किए जाने की मांग को अस्वीकार कर दिया है, इसलिए पूर्व में की गई घोषणा के अनुसार मैं आमरण अनशन पर बैठूंगा। यदि इस दौरान मेरी जिंदगी भी कुर्बान हो जाए तो मुझे इसका अफसोस नहीं होगा। मेरा जीवन राष्ट्र को समर्पित है।" हजारे सुबह 9 बजे राजघाट जाएंगे और फिर उसके बाद इंडिया गेट से जंतर-मंतर का रुख करेंगे। जंतर-मंतर पर वह अपना उपवास शुरू करेंगे। कार्यकर्ताओं ने देश के अन्य लोगों से इस मांग के पक्ष में अनशन करने की अपील की है। सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने कहा, "मैं देश की जनता से अपील करता हूं कि वे इस भूख हड़ताल में शामिल हों और भ्रष्टाचारविरोधी आंदोलन को अपना समर्थन दें।" इस मुहिम से जुड़े कार्यकर्ताओं ने सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश संतोष हेगड़े और वकील प्रशांत भूषण के साथ मिलकर जन लोकपाल विधयेक का प्रारूप तैयार किया है, जो सरकारी नियंत्रण से स्वतंत्र लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्त की नियुक्ति की मांग करता है। इसके मुताबिक भ्रष्टाचार के किसी भी मामले की जांच एक साल के भीतर पूरी हो जानी चाहिए और सजा कम से कम पांच साल तथा अधिकतम उम्रकैद होनी चाहिए जबकि सरकारी प्रारूप में सजा कम से कम छह माह और अधिकतम सात वर्ष का प्रावधान है। कार्यकर्ताओं ने सरकारी फॉर्मूले को खारिज कर दिया है। हजारे ने कहा, "सरकार लोगों के लिए कानून बनाना चाहती है। यदि वह इस बात को ध्यान में रखने बिना कानून बनाती है कि लोगों के दिमाग में क्या है तो यह भारत में ब्रिटिश शासन के समान ही बुरा होगा।"उल्लेखनीय है कि हजारे लोकपाल विधेयक के मसौदे के मुद्दे पर सात मार्च को प्रधानमंत्री और कानून मंत्री से मिले थे। उस दौरान हजारे ने प्रधानमंत्री को लोकपाल विधेयक के सम्बंध में एक मसौदा पेश किया था।

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भ्रष्टाचार, अन्ना हजारे, अनशन