बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं.
आंध्र प्रदेश:
आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के एक गांव में दो लोगों की स्वाइन फ्लू से मौत होने की अफवाह फैलने के बाद पूरे गांव का सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया. हालांकि, स्थानीय डॉक्टरों का कहना है कि जांच में ऐसा कुछ नहीं निकलकर आया है, उनकी मौत स्वाइन फ्लू से नहीं हुई है. लेकिन पड़ोसी गांवों के लोग डॉक्टरों की बात भी मानने को राजी नहीं हो रहे हैं. एक डॉक्टर ने एनडीटीवी से कहा, 'दिल का दौरा पड़ने की वजह से मौत हुई थी. हमने जांच की थी और हमें स्वाइन फ्लू के कोई लक्षण नहीं मिले. हम लोग गांव के लोगों का डर दूर करने के लिए माइक्रोफोन से सार्वजनिक ऐलान करेंगे.'
45 वर्षीय नामचार्या और 32 साल की मरियम्मा की कृष्णा जिले के एक गांव में करीब एक सप्ताह पहले मौत हो गई थी, जिसके बाद अफवाह फैली थी कि उनकी मौत स्वाइन फ्लू से हुई है. इसके बाद इस गांव के लोगों को पड़ोसी गांव में नहीं घुसने दिया जा रहा और वहीं कोई दूसरा भी उस गांव में नहीं घुस रहा.
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स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि उन्हें बस से जबरन उतार दिया जा रहा है, बच्चों को लेने स्कूल की बसें नहीं आ रही हैं, दूध वाले दूध की सप्लाई नहीं दे रहे हैं. इसके साथ ही गांव में पानी की सप्लाई भी नहीं हो रही है, ऐसे में कलेक्टर की ओर से पानी के टैंकर भेजे जा रहे हैं. एक छात्र ने एनडीटीवी को बताया, 'हम लोग स्कूल नहीं जा रहे हैं. बसें नहीं आ रही हैं. प्रिंसिपल ने हमारी छुट्टी कर दी है.'
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जिला कलेक्टर ने स्थिति की जायजा लिया और एक मेडिकल टीम को जांचने और पड़ोसी गांववालों के शक को दूर करने के लिए गांव में भेजा. जिला मुख्यालय में एक अधिकारी ने बताया कि अगर अभी भी गांववाले बायकॉट करते हैं तो कार्रवाई की जाएगी.
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जानें, स्वाइन फ्लू होने के तरीके और इससे बचाव के उपाय
45 वर्षीय नामचार्या और 32 साल की मरियम्मा की कृष्णा जिले के एक गांव में करीब एक सप्ताह पहले मौत हो गई थी, जिसके बाद अफवाह फैली थी कि उनकी मौत स्वाइन फ्लू से हुई है. इसके बाद इस गांव के लोगों को पड़ोसी गांव में नहीं घुसने दिया जा रहा और वहीं कोई दूसरा भी उस गांव में नहीं घुस रहा.
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