वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने सरदार पटेल पर आयोजित कार्यक्रम के लिए नरेन्द्र मोदी के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया और कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री की मंशा ईमानदार नहीं है और पक्षपाती राजनीतिक एजेंडे के लिए महान नेता के नाम का दुरुपयोग किया जा रहा है।
कांग्रेस नेता शर्मा ने मोदी पर सरदार बल्लभभाई पटेल की समृद्ध विरासत को ‘ढिठाई से हथियाने’ का प्रयास करने का आरोप लगाया जिनका रुख और जिनका विश्वास उन सब के विपरीत था जिसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा मूर्तरूप दिया गया था, आप जिसके नामित व्यक्ति हैं।’ शर्मा ने मोदी को लिखे अपने एक कड़े पत्र में कहा कि वह अहमदाबाद में बृहस्पतिवार को ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’’ के शिलान्यास समारोह के लिए उनके निमंत्रण को ‘स्वीकार करने में असमर्थ’ हैं।
कांग्रेस नेता ने भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को लिखे अपने पत्र में कहा है, ‘भारत के स्वतंत्रता संग्राम के नायक सरदार बल्लभ भाई पटेल के लिए भव्य स्मारक का निर्माण करना निश्चित रूप से गुजरात सरकार का विशेषाधिकार है। हालांकि इस तरह की विशाल परियोजना का आरंभकर्ता ईमानदार मंशा द्वारा निर्देशित और सरदार पटेल के श्रेष्ठ मूल्यों को सही मायने में स्वीकार करने वाला होना चाहिए।’ उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि पटेल के स्मारक को पक्षपाती राजनीतिक एजेंडे का रूप नहीं दिया जाना चाहिए जैसा कि दुर्भाग्यवश मौजूदा मामले में हो रहा है।
मोदी की रविवार को पटना में हुई रैली का उल्लेख करते हुए आनंद शर्मा ने उनपर राजनीतिक प्रचार के लिए जानबूझ कर असत्य के साथ सरदार पटेल के नाम का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया और कहा कि यह देश के पहले गृह मंत्री की स्मृति के प्रति अनादर है।
शर्मा ने यह भी कहा कि सरदार पटेल की समृद्ध विरासत को राजनीतिक औचित्य या चुनावी फायदे के लिए ‘हथियाया’ नहीं जा सकता।
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