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This Article is From Jan 05, 2016

पठानकोट आतंकी हमले में कई अनसुलझे सवाल, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी संदेह के घेरे में

पठानकोट आतंकी हमले में कई अनसुलझे सवाल, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी संदेह के घेरे में
पठानकोट: पठानकोट में वायुसेना ठिकाने पर आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई तीसरे दिन भी जारी रही। इस बीच पंजाब पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी की भूमिका की भी जांच हो रही है।

एनआईए की टीम ने सोमवार को गुरदासपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) सलविंदर सिंह और उनके कुक मदन गोपाल से पूछताछ की। इन दोनों का कहना था कि उन्हें पिछले गुरुवार को आतंकवादियों ने अगवा किया था। इस घटना के दो दिन बाद उन्हीं आतंकियों ने पठानकोट वायुसेना ठिकाने पर हमला बोल दिया।

सलविंदर सिंह का दावा है कि आतंकवादियों ने उन्हें घने जंगल में फेंक दिया और उनकी नीली बत्ती लगी आधिकारिक एसयूवी लेकर फरार हो गए। बाद में आतंकी इसी एसयूवी में सवार होकर पठानकोट पहुंचे। एसपी की वह एसयूवी शुक्रवार सुबह पठानकोट में वायुसेना ठिकाने से करीब 1.5 किमी दूर पाई गई थी।

जांचकर्ता अब भी इसी गुत्थी में उलझे हैं कि आखिर आतंकवादियों ने एसपी सलविंदर और उनके साथियों को क्यों छोड़ दिया, जबकि उन्होंने एक दूसरी गाड़ी को अगवा किया तो उसके ड्राइवर की हत्या कर दी थी। सलविंदर सिंह का कहना है कि वे उस समय पुलिस वर्दी में नहीं थे और उन्होंने आतंकवादियों के कहा कि वे पुलिसकर्मी नहीं बल्कि आम इंसान हैं।

जांचकर्ताओं का कहना है कि एसपी के बयानों में बहुत ज्यादा विरोधाभास है। उन्होंने कई बार अपने बयान बदले हैं, जिसमें उन्होंने आतंकियों की संख्या बार-बार अलग-अलग बताई है। एक वरिष्ठ अधिकारी होने के नाते उनके पास पहले से ही आतंकियों की घुसपैठ की खुफिया सूचना थी। उसी शाम पंजाब पुलिस ने आतंकी हमले की आशंका जताते हुए सभी पुलिस अधिकारियों को रात में निगरानी रखने के निर्देश दिए थे।

सलविंदर सिंह का कहना है कि जिस समय उनका अपहरण किया गया, उस समय वे पठानकोट के एक स्थानीय मंदिर में पूजा करके गुरदासपुर लौट रहे थे। लेकिन गुरुवार देर रात अपने एक ज्वैलर दोस्त और कुक के साथ उनके भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के पास बिना सुरक्षागार्ड के जाना संदेह के घेरे में है।

ड्रग्स तस्करों की मदद से पार की होगी सीमा
जांच एजंसियों को शक है कि भारत-पाकिस्तान सीमा के दोनों तरफ संचालित एक मादक पदार्थ तस्कर गिरोह की मदद से आतंकवादी भारत में घुसे होंगे। उनके द्वारा इस्तेमाल भारी हथियार और गोला-बारूद उनके सीमा पार करने से पहले ही पड़ोसी देश से भेज दिए गए होंगे।

सुरक्षा एजेंसियों को संदेह है कि आतंकवादियों ने नारकोटिक्स, जाली भारतीय नोट और हथियारों की तस्करी में शामिल एक गिरोह के 'नियंत्रित अभियान' के जरिये पंजाब में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार की।

सूत्रों ने कहा कि तस्करी करने वाले गिरोह के साथ कुछ सुरक्षाकर्मियों के शामिल होने की संभावना को भी खारिज नहीं किया जा सकता, क्योंकि अतीत में भी कुछ तत्वों के तार नशीले पदार्थों की तस्करी करने वाले गिरोह से जुड़े होने की जानकारी मिली है।

हथियार काफी पहले ही पहुंचा दिए गए थे
उन्होंने कहा कि विस्तृत जांच से और गिरोह में शामिल कुछ लोगों से पूछताछ से साजिश का खुलासा हो सकता है। इस तरह की अटकलें हैं कि हमले में आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल भारी हथियार और गोला-बारूद आतंकवादियों द्वारा अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने से काफी पहले पाकिस्तान से भेज दिए गए थे।

सूत्रों के अनुसार इस बात की पूरी संभावना है कि हथियार ड्रग गिरोह के जरिये भेजे गए और एक निश्चित जगह पर पहुंचा दिए गए। आतंकवादियों ने तस्करों द्वारा इस्तेमाल रास्ते से सीमा पार करके उस जगह से हथियार ले लिए। उन्होंने कहा, 'पंजाब में तस्करी गिरोह की जांच करनी होगी।'

- साथ में एजेंसी इनपुट

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