"अमित शाह ने दिया भरोसा चर्चा के बिना कानून को अंतिम रूप नहीं" : लक्षद्वीप में सियासी बवाल के बीच बोले सांसद

फैजल ने कहा, “उन्होंने आश्वासन दिया है कि जो भी कानून विचाराधीन हैं, उन्हें लक्षद्वीप भेजा जाएगा जहां जिला पंचायत में उन पर स्थानीय प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की जाएगी.

सांसद ने मसौदा कानून को लेकर हो रहे कड़े विरोध के बारे में गृह मंत्री को बताया

नई दिल्ली:

लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल ने सोमवार को कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने आश्वासन दिया है कि द्वीप के लोगों द्वारा जिस मसौदा कानून का विरोध किया जा रहा है उसे स्थानीय प्रतिनिधियों से चर्चा के बिना अंतिम रूप नहीं दिया जाएगा. शाह से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए फैजल ने कहा कि उन्होंने नए प्रशासक प्रफुल्ल पटेल द्वारा प्रस्तावित मसौदा कानून को लेकर हो रहे कड़े विरोध के बारे में गृह मंत्री को बताया है. 

फैजल ने कहा कि उन्होंने शाह को प्रस्तावित कानून के विरोध में द्वीप पर व्यापक रूप से हो रहे प्रदर्शनों और कुछ अन्य वर्गों के विरोध के बारे में भी जानकारी दी. 

फैजल ने कहा, “उन्होंने आश्वासन दिया है कि जो भी कानून विचाराधीन हैं, उन्हें लक्षद्वीप भेजा जाएगा जहां जिला पंचायत में उन पर स्थानीय प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की जाएगी. उन्हें अंतिम रूप देने से पहले लोगों की सहमति को ध्यान में रखा जाएगा.” फैजल ने केंद्र शासित क्षेत्र के प्रशासक पटेल को हटाने की भी मांग की. 

फैजल ने कहा कि पटेल उन कानूनों के लिये दबाव डाल रहे हैं जिससे द्वीप के लोग व्यथित हैं. इन मसौदा कानूनों में गोवध पर प्रतिबंध, ग्राम पंचायत चुनाव लड़ने के लिये दो बच्चों का नियम और बसावट वाले द्वीपों में शराब सिर्फ रिसॉर्ट में उपलब्ध कराया जाना शामिल है. इस द्वीपों पर रहने वाले अधिकांश लोग मुसलमान हैं.

फैजल ने कहा कि इसके अलावा लोगों में मसौदा लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण नियमन (एलडीएआर) और मसौदा लक्षद्वीप असमाजिक गतिविधि निरोधक अधिनियम को लेकर भी आशंकाएं हैं. 

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)