मुलायम सिंह यादव के साथ अमर सिंह (फाइल फोटो)
लखनऊ:
उत्तर प्रदेश के ‘समाजवादी परिवार’ में पिछले दिनों चरम पर पहुंची तल्खी के लिये जिम्मेदार बताये जा रहे राज्यसभा सदस्य अमर सिंह को समाजवादी पार्टी (सपा) मुखिया मुलायम सिंह यादव ने मंगलवार को पार्टी का महासचिव बना दिया.
मुलायम ने यहां जारी पत्र में कहा, ‘प्रिय श्री अमर सिंह जी, आपको समाजवादी पार्टी महामंत्री नियुक्त किया जाता है.’ सपा मुखिया ने आशा जतायी कि सिंह आने वाले विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.
यूपी में सपा में कलह और निकले पांच सवाल...
मालूम हो कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके चाचा वरिष्ठ काबीना मंत्री अमर सिंह के बीच हाल में हुई उठापटक के लिये मुख्यमंत्री और पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव ने परोक्ष रूप से अमर सिंह को जिम्मेदार ठहराया था.
अखिलेश ने कहा था कि सारा झगड़ा एक ‘बाहरी’ व्यक्ति की वजह से हुआ है. अगर अब उनके और नेताजी (मुलायम) के बीच कोई बाहरी व्यक्ति आया तो उसे बाहर कर दिया जाएगा. उन्होंने कई मंचों पर बाहरी व्यक्ति के तौर पर अमर सिंह की ओर इशारा भी किया था.
घटनाक्रम के दौरान एक बार तो ऐसा लगा कि सपा मुखिया परिवार में तेज होती रार को रोकने के लिये अमर सिंह को पार्टी से निकाल देंगे.
अमर सिंह पूर्व में भी सपा के महासचिव रह चुके हैं. उन्हें वर्ष 2010 में पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में सपा से निकाल दिया गया था. हाल में हुए राज्यसभा के चुनाव के वक्त वह लगातार दूसरी बार सपा के टिकट पर उच्च सदन में पहुंचे थे.
सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान और रामगोपाल यादव अमर सिंह के धुर विरोधी बताये जाते हैं और कई बार वे उनका मुखर विरोध कर चुके हैं.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मुलायम ने यहां जारी पत्र में कहा, ‘प्रिय श्री अमर सिंह जी, आपको समाजवादी पार्टी महामंत्री नियुक्त किया जाता है.’ सपा मुखिया ने आशा जतायी कि सिंह आने वाले विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.
यूपी में सपा में कलह और निकले पांच सवाल...
मालूम हो कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके चाचा वरिष्ठ काबीना मंत्री अमर सिंह के बीच हाल में हुई उठापटक के लिये मुख्यमंत्री और पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव ने परोक्ष रूप से अमर सिंह को जिम्मेदार ठहराया था.
अखिलेश ने कहा था कि सारा झगड़ा एक ‘बाहरी’ व्यक्ति की वजह से हुआ है. अगर अब उनके और नेताजी (मुलायम) के बीच कोई बाहरी व्यक्ति आया तो उसे बाहर कर दिया जाएगा. उन्होंने कई मंचों पर बाहरी व्यक्ति के तौर पर अमर सिंह की ओर इशारा भी किया था.
घटनाक्रम के दौरान एक बार तो ऐसा लगा कि सपा मुखिया परिवार में तेज होती रार को रोकने के लिये अमर सिंह को पार्टी से निकाल देंगे.
अमर सिंह पूर्व में भी सपा के महासचिव रह चुके हैं. उन्हें वर्ष 2010 में पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में सपा से निकाल दिया गया था. हाल में हुए राज्यसभा के चुनाव के वक्त वह लगातार दूसरी बार सपा के टिकट पर उच्च सदन में पहुंचे थे.
सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान और रामगोपाल यादव अमर सिंह के धुर विरोधी बताये जाते हैं और कई बार वे उनका मुखर विरोध कर चुके हैं.
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