आरिफ मजीद खोल रहा है राज, एक-एक कर बता रहा है कि किन हालातों में वह इराक पहुंचा था। आरिफ मजीद की वापसी को लेकर अब सुरक्षा तंत्र में खलबली मची हुई है। वजह है कि आरिफ़ ने अपनी पूछताछ में बताया है कि उसके खुद के कमांडर ने उसकी तुर्की तक पहुंचने में मदद की। "आखिर क्यों उसके कमांडर चाहते थे कि वह भारत वापस जाए, क्या यह आईएस का बड़ा गेमप्लान तो नहीं है, भारत में अपनी जड़ें मजबूत करने का? क्या इसके पीछे भी तो पाकिस्तान नहीं है? यह सब सवाल अब उस से पूछे जा रहे हैं।
इस बीच एनआईए की विशेष अदालत ने आज आईएसआईएस में कथित तौर पर भर्ती हुए युवक आरिफ माजिद को आठ दिसंबर तक के लिए जांच एजेंसी की हिरासत में भेज दिया। अदालत ने माना कि युवक से हिरासत में पूछताछ जरूरी है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने अदालत से कहा कि वह माजिद की 'भर्ती' से लेकर 'युद्ध' में (इस्लामिक स्टेट के लिए) उसकी भूमिका तक के पूरे षड्यंत्र की जानकारी हासिल करना चाहते हैं।
उधर, रॉ की जानकारी यह है कि बाकि जो आरिफ़ के साथी उसके साथ गए थे वह सब ज़िंदा हैं, वह भी भारत वापस आना चाहते हैं, लेकिन दिक्कत यह है कि अभी तक वह किसी सेफ पॉइंट तक नहीं पहुंच पाए हैं। इसलिए अभी तक उनकी मदद नहीं हो पाई है।
गुवाहाटी में हो रही डीजी कॉन्फ्रेंस में भी यह मुद्दा छाया रहा। चर्चा इस बात पर हुई कि नौजवानों को किस तरह से इंटरनेट के ज़रिये चाहे आईएस हो या फिर अलक़ायदा अपने साथ जोड़ रहा है।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सभी अफसरों को सम्बोधित करते हुए इस पूरे मामले पर चिंता जताई और कहा, यह कौन लोग हैं जो हमारे नौजवानों को भड़का रहे हैं। साइबर स्पेस का गलत इस्तेमाल हो रहा है। आप सबको इस बारे में सोचने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन से हो रही यह भर्ती जल्द रोकने की जरूरत है।
आरिफ मजीद जब से भारत आया है, तब से भारत सरकार को आईएस के काम करने पर नई जानकारियां मिल रही हैं। उधर, आईबी का मानना है कि सीरिया और इराक नए आतंकवाद के अड्डे बन गए हैं और क्योंकि भारत से कई लड़के इन इलाकों में है इसीलिए भारत के लिए खतरा और ज्यादा गंभीर है।
डीआईबी आसिफ इब्राहिम का कहना है कि न सिर्फ अलक़ायदा बल्कि एक नई तंजीम अंसार उल तौहीद भारत के लिए खतरा है क्योंकि वह नौजवानों को भारत पर हमले करने के लिए उकसा रहे हैं।
उधर, गृह मंत्री ने सीधा वार पाकिस्तान पर भी किया। कहा, भारत में हो रही गड़बड़ियों के लिए वह जिम्मेदार है। गृहमंत्री ने कहा, मैं पाकिस्तान से पूछना चाहता हूं कि क्या आईएसआई नॉन स्टेट एक्टर है।
वहीं, गृह मंत्रालय ने साफ़ किया आरिफ़ मजीद के साथ नरमी बरतेगी क्योंकि आखिर कर मामला भटके हुए नौजवानों को वापिस राह पर लाने का है। यही वजह है कि मामला कानूनी नज़र से नहीं बल्कि मानवता के पहलू से भी देखा जाना चाहिए।
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