मुंबई में नायर अस्पताल में जूनियर डॉक्टर पायल तड़वी (Payal Tadvi) को जातिगत टिप्पणियों से परेशान कर आत्महत्या के लिए उकसाने वाली तीन डॉक्टरों को शुक्रवार को अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आर. एम. सदरानी ने पुलिस हिरासत की अवधि खत्म होने पर तीनों डॉक्टरों को 10 जून तक न्यायिक हिरासत में रखने का आदेश दिया है. हांलाकि अपराध शाखा की ओर से पुलिस हिरासत बढ़ाने की अपील की गई थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया.
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बता दें आरोपी डॉक्टर भक्ति मेहरे, डॉक्टर हेमा आहुजा और डॉक्टर अंकिता खंडेलवाल ने जूनियर डॉक्टर पायल तड़वी को अनूसूचित जनजाति से होने की वजह से ताने मारे थे. इसके बाद 22 मई को वे अपने हॉस्टल के कमरे में मृत पाईं गई थी. प्रथम दृष्टया माना जा रहा है कि पायल ने आत्म हत्या की है लेकिन शुक्रवार को सामने आई पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में उनके गले पर चोट के निशान भी पाए गए हैं. ऐसे में हत्या का शक भी जताया जा रहा है.
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पुलिस ने इस मामले में डॉक्टर मेहरे को मंगलवार शाम को, जबकि आहुजा और खंडेलवाल को बुधवार सुबह गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद इन सभी के खिलाफ अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार रोकथाम) कानून, रैगिंग रोधी कानून, सूचना प्रौद्योगिकी कानून और भारतीय दंड संहिता की धारा 306 (आत्महत्या के लिये उकसाने) के तहत मामला दर्ज किया गया.
VIDEO- पायल तड़वी खुदकुशी मामला: न्यायिक हिरासत में भेजी गईं तीनों आरोपी
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