पायल तड़वी आत्महत्या : डॉक्टरों ने कारण बताया रैगिंग, कर्मचारियों ने कहा- जातीय टिप्पणी

क्राइम ब्रांच ने 1200 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की, बयानों में जातीय टिप्पणी का जिक्र, सहयोगी और वरिष्ठ डॉक्टरों ने रैगिंग का उल्लेख किया

पायल तड़वी आत्महत्या : डॉक्टरों ने कारण बताया रैगिंग, कर्मचारियों ने कहा- जातीय टिप्पणी

पायल तड़वी (फाइल फोटो).

खास बातें

  • सीनियर डॉक्टरों ने रैगिंग और मानसिक उत्पीड़न की बात कही
  • पायल का परिवार जातिगत टिप्पणी को खुदकुशी की वजह बता रहा
  • कर्मचारियों के बयानों में आत्महत्या का कारण जातिगत टिप्पणी
मुंबई:

मुंबई के नायर अस्पताल में मेडिकल की छात्रा पायल तड़वी की आत्महत्या के मामले में क्राइम ब्रांच की ओर से दाखिल 1200 पन्नों की चार्जशीट में जहां कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं वहीं पायल के साथ काम करने वाले अन्य डॉक्टरों और सीनियर डॉक्टरों ने रैगिंग और मानसिक उत्पीड़न की बात कही है. जातिगत टिप्पणी का जिक्र सिर्फ चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों ने किया है. ऐसे में एक बड़ा सवाल यह है कि पायल तड़वी की आत्महत्या की मुख्य वजह उसके साथ हुई रैगिंग है या फिर जातीय टिप्पणी?

दो माह पहले 22 मई को मुंबई के नायर अस्पताल की मेडिकल छात्रा डॉक्टर पायल तड़वी की आत्महत्या के बाद अस्पताल प्रशासन के खिलाफ मामले में ढिलाई बरतने के कारण कई बार प्रदर्शन किए गए. इस  मामले में पायल तड़वी की मां ने जहां जातीय टिप्पणी को आत्महत्या की वजह बताया तो वहीं अब क्राइम ब्रांच ने 1203 पन्नों की चार्जशीट बॉम्बे हाईकोर्ट में दाखिल की है. इस चार्जशीट में डॉक्टर पायल तड़वी के साथ काम करने वाले सहयोगी डॉक्टरों, अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारी और अस्पताल के अन्य कर्मचारियों के बयान दर्ज हैं. एक बड़ा सवाल पायल की आत्महत्या की वजह को लेकर है. परिवार जहां जातिगत टिप्पणी को आत्महत्या की वजह बता रहा है तो वहीं पायल के साथ काम करने वाले डॉक्टरों ने इसका जिक्र नहीं किया.  

चार्जशीट में डॉक्टरों के बयानों के मुताबिक रैगिंग के कारण पायल ने आत्महत्या की. चार्जशीट में करीब 50 डॉक्टरों के बयान दर्ज हैं. इसमें पायल के सहयोगी डॉक्टर, यूनिट हेड, सीनियर डॉक्टर भी शामिल हैं. लगभग सभी ने माना कि पायल को टॉर्चर किया जाता था. मरीजों और अन्य सहकर्मियों के सामने उसे अपमानित किया जाता था. आरोपी डॉक्टर उसे धमकाते थे कि उनके रहते पायल को कभी डिलीवरी कराने नहीं मिलेगा. पायल को खाने पीने का समय भी नहीं दिया जाता था. उसे ढंग से आराम करने नहीं मिलता था.

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बयानों के अनुसार सीनियर डॉक्टरों ने भी कई बार आरोपी डॉक्टरों को समझाया कि इतनी रैगिंग ठीक नहीं है, लेकिन उनकी बातों को नहीं सुना गया. किसी भी डॉक्टर ने अपने बयानों में जातीय टिप्पणी का जिक्र नहीं किया है. पायल तड़वी के सुसाइड नोट में भी रैगिंग, टॉर्चर का जिक्र है, जातीय टिपण्णी का जिक्र नहीं है. सुसाइड नोट में पायल ने स्नेहल के साथ भी टॉर्चर की बात कही है लेकिन स्नेहल के बयान में भी जातीय टिप्पणी का जिक्र नहीं है.

हालांकि पायल की आत्महत्या के नौ दिन पहले पायल की मां की ओर से अस्पताल को लिखे गए शिकायती पत्र में जातीय टिप्पणी का जिक्र है. इसके अलावा अस्पताल की आया और सहायक कर्मचारियों ने पायल पर जातिगत टिप्पणी और भेदभाव होने की बात कही है, जो कि चार्जशीट में दर्ज है.

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चार्जशीट में कर्मचारियों के बयानों में आत्महत्या का कारण जातिगत टिप्पणी है. कई कर्मचारियों ने पायल पर जातीय टिप्पणी करने की बात स्वीकारी है. कहा गया है कि वार्ड में दो-तीन मरीजों के सामने आरोपी हेमा ने पायल से कहा "ऐ आदिवासी, जंगली, तू इधर क्या कर रही है? तू डिलीवरी करने लायक नहीं है, तू हमारी बराबरी करती है." एक अन्य गवाह के अनुसार आरोपी डॉक्टरों ने पायल से कहा " तुम अनुसूचित जनजाति से आते हो, मरीजों को मत छुओ. तुम्हारे छूने से उन्हें इन्फेक्शन हो जाएगा." कहा गया है कि आरोपी डॉक्टर पायल को गंदी गालियां देते थे और उससे उसके जूनियर का भी काम करवाते थे.

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मामले पर अदालत में सुनवाई जारी है तो वहीं एक बड़ा सवाल अस्पताल प्रशासन पर भी उठता दिख रहा है. पायल के परिवार वालों की ओर से करीब छह बार मौखिक और लिखित शिकायत की गई लेकिन इसके बावजूद अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. तीनों आरोपी 29 मई से हिरासत में हैं. उनकी जमानत याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 30 जुलाई को है.

VIDEO : पायल तड़वी की मां ने बताया अहम सबूत

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