नई दिल्ली:
कश्मीर में पिछले दो महीने से जारी हिंसा और तनाव के बीच दिल्ली में आज एक सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है, जहां कश्मीर मुद्दे पर चर्चा के साथ-साथ सरकार की अगली रणनीति का भी ब्योरा दिया जा सकता है.
इस बीच ख़बर है कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेताओं के पर कतरने की तैयारी में है. सूत्रों की मानें तो सरकार अलगाववादी नेताओं को दी जा रही कई सुविधाओं को ख़त्म करने के मूड में है. सरकार की ओर से उनकी विदेश यात्राओं, चिकित्सा संबंधी सुविधाओं में कटौती की जा सकती है.
अलगाववादियों की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों को भी वापस लिए जाने की मांग उठी है, लेकिन इस पर फैसला जम्मू-कश्मीर सरकार को लेना है. पीडीपी को बीजेपी ने साफ कर दिया है कि अब अलगावदियों पर नरम रुख दिखाने का दिन चला गया. अगर पीडीपी ने सख्ती नहीं दिखाई तो राज्य में सत्ता में भागीदार बीजेपी कोई और रास्ता भी अख्तियार कर सकती है. फिलहाल अलगाववादियों की सुरक्षा में 900 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात हैं.
कश्मीर को लेकर पहले केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को सुबह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ करीब एक घंटे तक बातचीत की. गृहमंत्री ने प्रधानमंत्री को सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के जम्मू-कश्मीर दौरे को लेकर सारे हालात से अवगत करवाया. इसके बाद राजनाथ सिंह के घर पर आज की सर्वदलीय बैठक को लेकर एक मीटिंग हुई, जहां बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और अरुण जेटली और पीएमओ में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह भी मौजूद थे.
समझा जाता है कि अलगाववादियों के प्रति अपने रुख़ को सरकार आज होने वाली सर्वदलीय बैठक में रखेगी. इसके अलावा राज्य में अशांति फैलाने वाले तत्वों से कड़ाई से निपटने पर भी विचार हो रहा है. हालांकि विपक्षी दलों ख़ासकर जेडी(यू) नेता शरद यादव का मानना है कि सरकार को अगर कश्मीर में अमन चैन लाना है तो उसे हुर्रियत सहित तमाम पक्षों से बातचीत करनी चाहिए. गौरतलब है कि सैयद अली शाह गिलानी ने शरद यादव के आने पर अपने दरवाज़े नहीं खोले थे.
इस मुद्दे पर बीजेपी के महासचिव राम माधव ने कहा कि बैठक में कश्मीर को लेकर तमाम पहलुओं पर विचार विमर्श किया गया. बुधवार को सर्वदलीय बैठक में इस बारे में अंतिम निर्णय लिया जाएगा. अलगाववादियों को मिलने वाली सुविधाओं की वापसी पर पूछे गए सवाल पर राम माधव ने कहा कि तमाम चीज़ों की समीक्षा की जा रही है.
हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद कश्मीर में हिंसा के दो महीने के दौर में मरने वालों का आंकड़ा 75 के पार हो गया है और हालात जस के तस बने हैं.
इस बीच ख़बर है कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेताओं के पर कतरने की तैयारी में है. सूत्रों की मानें तो सरकार अलगाववादी नेताओं को दी जा रही कई सुविधाओं को ख़त्म करने के मूड में है. सरकार की ओर से उनकी विदेश यात्राओं, चिकित्सा संबंधी सुविधाओं में कटौती की जा सकती है.
अलगाववादियों की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों को भी वापस लिए जाने की मांग उठी है, लेकिन इस पर फैसला जम्मू-कश्मीर सरकार को लेना है. पीडीपी को बीजेपी ने साफ कर दिया है कि अब अलगावदियों पर नरम रुख दिखाने का दिन चला गया. अगर पीडीपी ने सख्ती नहीं दिखाई तो राज्य में सत्ता में भागीदार बीजेपी कोई और रास्ता भी अख्तियार कर सकती है. फिलहाल अलगाववादियों की सुरक्षा में 900 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात हैं.
कश्मीर को लेकर पहले केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को सुबह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ करीब एक घंटे तक बातचीत की. गृहमंत्री ने प्रधानमंत्री को सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के जम्मू-कश्मीर दौरे को लेकर सारे हालात से अवगत करवाया. इसके बाद राजनाथ सिंह के घर पर आज की सर्वदलीय बैठक को लेकर एक मीटिंग हुई, जहां बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और अरुण जेटली और पीएमओ में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह भी मौजूद थे.
समझा जाता है कि अलगाववादियों के प्रति अपने रुख़ को सरकार आज होने वाली सर्वदलीय बैठक में रखेगी. इसके अलावा राज्य में अशांति फैलाने वाले तत्वों से कड़ाई से निपटने पर भी विचार हो रहा है. हालांकि विपक्षी दलों ख़ासकर जेडी(यू) नेता शरद यादव का मानना है कि सरकार को अगर कश्मीर में अमन चैन लाना है तो उसे हुर्रियत सहित तमाम पक्षों से बातचीत करनी चाहिए. गौरतलब है कि सैयद अली शाह गिलानी ने शरद यादव के आने पर अपने दरवाज़े नहीं खोले थे.
इस मुद्दे पर बीजेपी के महासचिव राम माधव ने कहा कि बैठक में कश्मीर को लेकर तमाम पहलुओं पर विचार विमर्श किया गया. बुधवार को सर्वदलीय बैठक में इस बारे में अंतिम निर्णय लिया जाएगा. अलगाववादियों को मिलने वाली सुविधाओं की वापसी पर पूछे गए सवाल पर राम माधव ने कहा कि तमाम चीज़ों की समीक्षा की जा रही है.
हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद कश्मीर में हिंसा के दो महीने के दौर में मरने वालों का आंकड़ा 75 के पार हो गया है और हालात जस के तस बने हैं.
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