केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल सितंबर में जम्मू-कश्मीर का दौरा करेगा और इस बात की तैयारी केंद्रीय गृह मंत्रालय कर रहा है. एनडीटीवी इंडिया को एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सभी दलों से बातचीत चल रही और उनसे पूछा जा रहा है कि उनके लिए कौन सी तारीख़ उपयुक्त है. उनका कहना है, "सब अपने अपने प्रतिनिधि की लिस्ट भेज रहे हैं." प्रधानमंत्री को राजनाथ सिंह अपने दौरे का पूरा ब्योरा घाटी से आने के बाद दिया था. उसके बाद ये तय किया गया कि सितंबर के पहले हफ़्ते में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल कश्मीर का दौरा कर सकता है. यानी कश्मीर को लेकर राजनीतिक प्रक्रिया ख़ासी तेज़ है.
महबूबा मांगों की लिस्ट लेकर मिलेंगी प्रधानमंत्री से
इधर जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती दिल्ली पहुंच गई हैं. वह शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगी. चर्चा कश्मीर के हालत के साथ उन सभी मुद्दों पर होगी जिनकी वजह से घाटी में हिंसा का दौर ख़त्म नहीं हो रहा है. माना जा रहा है कि महबूबा प्रधानमंत्री से मिलकर कश्मीर के नाम घोषित पैकेज की याद दिलाएंगी. पीछले साल दिवाली पर प्रधानमंत्री ने 80000 करोड़ के पैकेज का ऐलान किया था लेकिन कई दिक़्क़तों की वजह से रक़म आवंटित नहीं हो सकी है.
अलगवादियों को लेकर बीजेपी और पीडीपी की राय अलग
केंद्र सरकार बेशक कह रही हो कि वो घाटी में सबसे मिलने को तैयार है, लेकिन घाटी में अलगावादी नेताओं को लेकर वो अपना रुख कड़ा ही रख रही है. घाटी में पीछले दो महीनों से सभी अलगावादी नेता अपने घरों में नज़र बंद हैं. उधर अब पीडीपी को लग रहा है कि घाटी में हालात क़ाबू में करने के लिए अलगावादी नेताओं से बात करनी पड़ेगी.
केंद्र से कुछ ख़फ़ा हैं महबूबा
राजनाथ सिंह से मिलने महबूबा नेहरू गेस्ट हाउस नहीं आई. माना जा रहा है कि महबूबा केंद्र सरकार से ख़फ़ा थी क्योंकि घाटी में ये संदेश गया है कि प्रधानमंत्री की तरफ़ से घाटी को लेकर शांति की पहल घाटी के विपक्षी नेताओं से मिलने के बाद आई. यही नहीं, बार बार ये कहा गया कि केंद्र महबूबा को ज़्यादा मोहलत नहीं देगा हालात ठीक करने के लिए. इस बात का ज़िक्र मुख्यमंत्री ने केंद्रिय गृह मंत्री से किया. उन्होंने प्रधानमंत्री को ये बताया. अब महबूबा दिल्ली आई हैं. माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री से मिलने के बाद ही सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के घाटी के दौरे के बारे में ऐलान होगा.
महबूबा मांगों की लिस्ट लेकर मिलेंगी प्रधानमंत्री से
इधर जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती दिल्ली पहुंच गई हैं. वह शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगी. चर्चा कश्मीर के हालत के साथ उन सभी मुद्दों पर होगी जिनकी वजह से घाटी में हिंसा का दौर ख़त्म नहीं हो रहा है. माना जा रहा है कि महबूबा प्रधानमंत्री से मिलकर कश्मीर के नाम घोषित पैकेज की याद दिलाएंगी. पीछले साल दिवाली पर प्रधानमंत्री ने 80000 करोड़ के पैकेज का ऐलान किया था लेकिन कई दिक़्क़तों की वजह से रक़म आवंटित नहीं हो सकी है.
अलगवादियों को लेकर बीजेपी और पीडीपी की राय अलग
केंद्र सरकार बेशक कह रही हो कि वो घाटी में सबसे मिलने को तैयार है, लेकिन घाटी में अलगावादी नेताओं को लेकर वो अपना रुख कड़ा ही रख रही है. घाटी में पीछले दो महीनों से सभी अलगावादी नेता अपने घरों में नज़र बंद हैं. उधर अब पीडीपी को लग रहा है कि घाटी में हालात क़ाबू में करने के लिए अलगावादी नेताओं से बात करनी पड़ेगी.
केंद्र से कुछ ख़फ़ा हैं महबूबा
राजनाथ सिंह से मिलने महबूबा नेहरू गेस्ट हाउस नहीं आई. माना जा रहा है कि महबूबा केंद्र सरकार से ख़फ़ा थी क्योंकि घाटी में ये संदेश गया है कि प्रधानमंत्री की तरफ़ से घाटी को लेकर शांति की पहल घाटी के विपक्षी नेताओं से मिलने के बाद आई. यही नहीं, बार बार ये कहा गया कि केंद्र महबूबा को ज़्यादा मोहलत नहीं देगा हालात ठीक करने के लिए. इस बात का ज़िक्र मुख्यमंत्री ने केंद्रिय गृह मंत्री से किया. उन्होंने प्रधानमंत्री को ये बताया. अब महबूबा दिल्ली आई हैं. माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री से मिलने के बाद ही सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के घाटी के दौरे के बारे में ऐलान होगा.
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