यूपी विधानसभा चुनाव के लिए सपा ने कांग्रेस से हाथ मिलाया है (फाइल फोटो)
रायबरेली:
यूपी की राजनीति में आजकल मछली बाजार जितना शोर मचा हुआ है. चारों तरफ से आवाज़ें आ रही हैं, नारे लग रहे हैं, ताने मारे जा रहे हैं, उछाले भी जा रहे हैं और अलग अलग पार्टियां एक दूसरे को मुंह तोड़ जवाब देने में लगी हुई हैं. कम से कम जवाब देने के बाद वह सोचती तो कुछ ऐसा ही हैं. चुनाव प्रचार में इस कदर रैलियां निकल रही हैं, इतने भाषण दिये जा रहे हैं कि शायद नेता भी भूल जाते होंगे कि कल उन्होंने क्या कहा था और आज क्या कह रहे हैं. सब कुछ भूलकर बस कहा जा रहा है.
अमिताभ बच्चन से अपील
ऐसा ही कुछ अखिलेश यादव ने सोमवार को रायबरेली में हुई एक रैली में कहा जब उन्होंने सुपरस्टार माने जाने वाले अभिनेता अमिताभ बच्चन से अपील करते हुए कहा कि 'हम सदी के महानायक से गुजारिश करते हैं कि वे गुजरात के गधों का प्रचार करना बंद करें.' उन्होंने आगे कहा कि 'अगर गधों का प्रचार होने लगेगा तो कैसे चलेगा. गुजरात के लोग तो वहां के गधों का भी प्रचार करवा रहे हैं. गधे का भी कहीं प्रचार कराया जाता है.' बता दें कि अमिताभ बच्चन गुजरात पर्यटन के ब्रांड एम्बेसेडर हैं और उसी संबंध में अखिलेश यादव यह सब कुछ कह गए. दरअसल वह पीएम मोदी की रविवार को कही गई उस बात पर पलटवार कर रहे थे जब उन्होंने सपा पर यूपी में धर्म के नाम पर भेदभाव करने का आरोप लगाया था. अखिलेश ने कहा था कि गुजरात वाले टीवी पर गधों का प्रचार कराते हैं और यूपी में आकर श्मशान और कब्रिस्तान की बात करते हैं.
गौरतलब है कि गुजरात में wild ass यानि जंगली गधों की सैंक्चुरी है और क्योंकि बच्चन गुजरात पर्यटन के ब्रांड एम्बेसेडर हैं इसलिए वह इस जगह का भी प्रचार करते हैं. अखिलेश ने इसी बात को लेकर यह तंज कसा था कि अमिताभ बच्चन गुजरात के गधों का प्रचार करना बंद करें. हालांकि उनकी इस लाइन का और व्यापक अर्थ भी निकाला जा सकता है. लेकिन सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या वह यह बात करते हुए उस विज्ञापन को भूल गए जिसे अमिताभ बच्चन ने उनकी सपा पार्टी के लिए 2007 में किया था.
अखिलेश यादव की पार्टी का विज्ञापन
2007 के यूपी विधानसभा चुनाव में अमिताभ बच्चन ने समाजवादी पार्टी के लिए एक विज्ञापन किया था जिसका शीर्षक था - 'यूपी में दम है, क्योंकि यहां अपराध कम है.' यह विज्ञापन काफ़ी चर्चित रहा था और समाजवादी पार्टी ने टेलीविज़न और अख़बारों में इसे व्यापक रुप से इस्तेमाल भी किया था. उस दौरान राज्य में सपा की सरकार ही थी और विज्ञापन में किए गए इस दावे का काफी मजाक उड़ाया गया था. यहीं नहीं, इस मामले में सूचना आयोग ने अमिताभ बच्चन को एक नोटिस भी भेजा था जिसमें कहा गया था कि गाज़ीपुर के एक शख्स ने सूचना के अधिकार के तहत एक आवेदन दायर किया था जिसके तहत उन्होंने पूछा था कि इस विज्ञापन के लिए अमिताभ बच्चन को कितनी राशि का भुगतान हुआ. साथ ही दूसरा सवाल यह था कि उत्तरप्रदेश में अपराध कम होने के उनके दावे का आधार क्या था.
बिग बी ने इस सवाल का क्या जवाब दिया था, इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं हो पाई है लेकिन अब जब अखिलेश ने बिग बी से अपील की है कि वह 'गुजरात के गधों' का प्रचार करना बंद कर दें तो अचानक आंखों के सामने टीवी पर भारी भरकम आवाज़ में 'यूपी में कम अपराध' की बात करते हुए बच्चन का याद आना स्वाभाविक है. हालांकि यूट्यूब पर जहां दूरदर्शन के ज़माने के कार्यक्रम नजर आ जाते हैं, वहां सर्च करने पर यह पुराना विज्ञापन दिखाई नहीं दे रहा है. पता नहीं माजरा क्या है..
अमिताभ बच्चन से अपील
ऐसा ही कुछ अखिलेश यादव ने सोमवार को रायबरेली में हुई एक रैली में कहा जब उन्होंने सुपरस्टार माने जाने वाले अभिनेता अमिताभ बच्चन से अपील करते हुए कहा कि 'हम सदी के महानायक से गुजारिश करते हैं कि वे गुजरात के गधों का प्रचार करना बंद करें.' उन्होंने आगे कहा कि 'अगर गधों का प्रचार होने लगेगा तो कैसे चलेगा. गुजरात के लोग तो वहां के गधों का भी प्रचार करवा रहे हैं. गधे का भी कहीं प्रचार कराया जाता है.' बता दें कि अमिताभ बच्चन गुजरात पर्यटन के ब्रांड एम्बेसेडर हैं और उसी संबंध में अखिलेश यादव यह सब कुछ कह गए. दरअसल वह पीएम मोदी की रविवार को कही गई उस बात पर पलटवार कर रहे थे जब उन्होंने सपा पर यूपी में धर्म के नाम पर भेदभाव करने का आरोप लगाया था. अखिलेश ने कहा था कि गुजरात वाले टीवी पर गधों का प्रचार कराते हैं और यूपी में आकर श्मशान और कब्रिस्तान की बात करते हैं.
गौरतलब है कि गुजरात में wild ass यानि जंगली गधों की सैंक्चुरी है और क्योंकि बच्चन गुजरात पर्यटन के ब्रांड एम्बेसेडर हैं इसलिए वह इस जगह का भी प्रचार करते हैं. अखिलेश ने इसी बात को लेकर यह तंज कसा था कि अमिताभ बच्चन गुजरात के गधों का प्रचार करना बंद करें. हालांकि उनकी इस लाइन का और व्यापक अर्थ भी निकाला जा सकता है. लेकिन सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या वह यह बात करते हुए उस विज्ञापन को भूल गए जिसे अमिताभ बच्चन ने उनकी सपा पार्टी के लिए 2007 में किया था.
अखिलेश यादव की पार्टी का विज्ञापन
2007 के यूपी विधानसभा चुनाव में अमिताभ बच्चन ने समाजवादी पार्टी के लिए एक विज्ञापन किया था जिसका शीर्षक था - 'यूपी में दम है, क्योंकि यहां अपराध कम है.' यह विज्ञापन काफ़ी चर्चित रहा था और समाजवादी पार्टी ने टेलीविज़न और अख़बारों में इसे व्यापक रुप से इस्तेमाल भी किया था. उस दौरान राज्य में सपा की सरकार ही थी और विज्ञापन में किए गए इस दावे का काफी मजाक उड़ाया गया था. यहीं नहीं, इस मामले में सूचना आयोग ने अमिताभ बच्चन को एक नोटिस भी भेजा था जिसमें कहा गया था कि गाज़ीपुर के एक शख्स ने सूचना के अधिकार के तहत एक आवेदन दायर किया था जिसके तहत उन्होंने पूछा था कि इस विज्ञापन के लिए अमिताभ बच्चन को कितनी राशि का भुगतान हुआ. साथ ही दूसरा सवाल यह था कि उत्तरप्रदेश में अपराध कम होने के उनके दावे का आधार क्या था.
बिग बी ने इस सवाल का क्या जवाब दिया था, इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं हो पाई है लेकिन अब जब अखिलेश ने बिग बी से अपील की है कि वह 'गुजरात के गधों' का प्रचार करना बंद कर दें तो अचानक आंखों के सामने टीवी पर भारी भरकम आवाज़ में 'यूपी में कम अपराध' की बात करते हुए बच्चन का याद आना स्वाभाविक है. हालांकि यूट्यूब पर जहां दूरदर्शन के ज़माने के कार्यक्रम नजर आ जाते हैं, वहां सर्च करने पर यह पुराना विज्ञापन दिखाई नहीं दे रहा है. पता नहीं माजरा क्या है..
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं