अमेरिका की ही तर्ज पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर विदेशों में बसे भारतीयों से खुल कर मिलने की तैयारी कर रहे हैं। अब बारी है ऑस्ट्रेलिया की।
संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री एक सप्ताह की विदेश यात्रा पर जा रहे हैं। शुरुआत पड़ोसी देश म्यांमार से है। मोदी 12 और 13 नवंबर को पूर्व एशिया सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए म्यांमार में रहेंगे और इसके बाद उनका ऑस्ट्रेलिया दौरा शुरू होगा।
सूत्रों के मुताबिक मोदी 14 नवंबर को ब्रिस्बेन पहुंचेंगे और वहां होने वाले जी-20 देशों के सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस दौरान कई राष्ट्राध्यक्षों के साथ उनकी शिखर वार्ताएं भी होंगी। मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरून आदि से मिलेंगे।
न्यूयॉर्क के मेडिसन स्केव्यर गार्डन की ही तरह मोदी के लिए सिडनी में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इंडिया ऑस्ट्रेलिया कम्यूनिटी फाउंडेशन ने सोलह हजार से भी अधिक क्षमता ऑलफोंस एरीना में मोदी के कार्यक्रम की तैयारियां की हैं।
इस मौके पर मेलबॉर्न से सिडनी के लिए एक खास ट्रेन भी चलाई जाएगी ताकि वहां बसे भारतीय इस कार्यक्रम में हिस्सा ले सकेंगे। इसका नाम मोदी एक्सप्रेस रखा गया है।
ऑस्ट्रेलिया में साढे चार लाख से भी अधिक भारतीय बसे हुए हैं। वहां चालीस हजार से भी ज्यादा भारतीय छात्र अलग-अलग विश्वविद्यालयों में पढ़ाई कर रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक मोदी भारतीय छात्रों से अलग से मुलाकात करेंगे। चार दिन के अपने ऑस्ट्रेलिया दौरे में मोदी वहां के चार बड़े शहरों का दौरा करेंगे।
18 नवंबर को उनकी ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी अबॉट से द्विपक्षीय बातचीत होगी। इसी दिन मोदी ऑस्ट्रेलिया की संसद को भी संबोधित करेंगे।
इसी दिन शाम को मेलबॉर्न क्रिकेट ग्राउंड का दौरा होगा। वहां गणमान्य व्यक्तियों को बुलाया गया है। संभावना है कि
मोदी उन्हें संबोधित करेंगे।
घर वापसी के वक्त मोदी फिजी में रुकेंगे। ये एक महत्वपूर्ण यात्रा होगी क्योंकि वहां करीब आधी आबादी भारतीय मूल के लोगों की है। वहां बसे अधिकांश भारतीयों के पूर्वज बिहार और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों से वहां गए थे।
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