
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड को इसका 95 फ़ीसदी भुगतान हो चुका है
2010 में इसके अतिरिक्त 6 स्क्वाड्रन का ऑर्डर दिया गया था
अनुबंध पर हस्ताक्षर हुए सात वर्ष का समय बीत चुका है
आकाश का निर्माण सरकारी कंपनी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स द्वारा किया गया था. कैग के अनुसार, उत्पादनकर्ता को करीब 3600 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है लेकिन एक भी मिसाइल सिस्टम निर्धारित 6 स्थानों में से कहीं भी इंस्टॉल नहीं किया जा सका है जबकि अनुबंध पर हस्ताक्षर हुए सात वर्ष का समय बीत चुका है.
आकाश और उसका नया संस्करण आकाश एमके-2 मध्यम दूरी की जमीन से हवा में मार करने वाले मिसाइल सिस्टम हैं जो दुश्मन के विमानों और मिसाइलों को 18-20 किलोमीटर की दूरी पर मार गिराने के उद्देश्य से डिजाइन किया गया है. भारतीय वायुसेना द्वारा इसका बड़े पैमाने पर परीक्षण किया गया और 2008 में पहली बार इसे सेना में शामिल किया गया. आकाश को स्वदेशी मिसाइल सिस्टम में मील का पत्थर माना गया था और 2010 में इसके अतिरिक्त 6 स्क्वाड्रन का ऑर्डर दिया गया था.
VIDEO: भारतीय सेना में शामिल कर ली गई आकाश मिसाइल
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं