जेल भरो आंदोलन से दूर रहे अजित पवार, सुप्रिया ने किया नेतृत्व

जेल भरो आंदोलन से दूर रहे अजित पवार, सुप्रिया ने किया नेतृत्व

राष्ट्रवादी कांग्रेस की सांसद सुप्रिया सुले (फाइल फोटो)।

मुंबई:

एनसीपी नेता अजीत पवार ने हाईकमान के आदेश के बावजूद सोमवार को पार्टी के जेलभरो आंदोलन से दूरी बनाए रखी। मराठवाड़ा में फैले सूखे से निबटने के लिए बीजेपी सरकार के विफल होने का आरोप लगाते हुए एनसीपी मुखिया शरद पवार ने राज्यभर में जेलभरो आंदोलन का आदेश अपनी पार्टी को दिया था।

हाईकमान के आदेश के मुताबिक एनसीपी के कार्यकर्ताओ ने राज्य में अनेक जगह पर जेलभरो आंदोलन किया। इसमें से जालना जिले में हुए आंदोलन में पार्टी की सांसद सुप्रिया सुले शामिल हुईं। पवार खानदान की वे एकमात्र सदस्य थीं जिन्होंने राज्य की बीजेपी सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरकर संघर्ष किया। बाद में पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर रिहा किया।

जब सुप्रिया आंदोलन कर रही थीं तब उनके भाई, पवार खानदान के एक और सदस्य और पूर्व उप मुख्यमंत्री अजीत पवार जेलभरो आंदोलन से दूरी बनाए हुए थे। दिनभर उन्होंने अपने कट्टर समर्थक और एनसीपी के महाराष्ट्र अध्यक्ष सुनील तटकरे के साथ आन्दोलन का जायजा लेना ठीक समझा।

सोमवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस के मुखिया शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।

इस बीच आंदोलन का दिन ही पार्टी मुखिया शरद पवार ने प्रधानमंत्री से मुलाकात के लिए चुना। जब एनसीपी कार्यकर्ता बीजेपी के खिलाफ सड़कों पर संघर्ष कर रहे थे तब शरद पवार ने प्रधानमंत्री मोदी से दिल्ली में मुलाकात कर महाराष्ट्र में सूखे के लिए भरसक मदद देने की मांग की। नई दिल्ली में अपने सरकारी आवास पर उन्होंने इसकी सूचना पत्रकारों को दी।

एनसीपी के जेलभरो आंदोलन से पहली पंक्ति के नेताओं के ही दूरी बनाए रखने पर बीजेपी ने खूब चुटकी ली। राज्य के सिंचाई मंत्री गिरीश महाजन ने संवाददाताओं से कहा कि, एनसीपी इन दिनों वेंटिलेटर पर है। उसका जेलभरो आंदोलन महज दिखावा भर है।

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इस बीच, सोमवार को राज्य सहकारिता बैंक घोटाले के मामले में अजीत पवार के खिलाफ आरोप पत्र दायर हो गया। जबकि, एसीबी अजीत पवार और सुनील तटकरे को सिंचाई घोटाले के मामले में इस हफ्ते समन जारी कर चुकी है।