ब्रिक्स देशों के सम्मेलन के लिए चीन गए भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की चीन के स्टेट काउंसिलर यांग जिची से मुलाक़ात हुई है. डोकलाम विवाद को लेकर दोनों देशों के बीच जारी तनातनी के बीच ये मुलाक़ात अहम मानी जा रही है. ख़बर के मुताबिक दोनों के बीच द्विपक्षीय संबंध, अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर बात हुई.
चीनी विदेश मंत्रालय के अनुसार चीनी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार यांग जिची ने तीनों देशों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों के सामने द्विपक्षीय संबंधों अंतरराष्ट्रीय और प्रादेशिक गंभीर मुद्दों (जिनमें संभवत: डोकलाम भी शामिल है) उनपर अपना पक्ष रखा और अपनी स्थिति स्पष्ट की.
अजीत डोभाल ब्रिक्स के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ गुरुवार से शुरू हो रही बैठक में भाग लेने के लिए चीन में हैं. डोभाल ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका (ब्रिक्स) के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की दो दिवसीय बैठक में भाग लेने के लिए बुधवार को यहां पहुंचे. इस बैठक की मेजबानी यांग कर रहे हैं. डोभाल और यांग दोनों भारत-चीन सीमा तंत्र के विशेष प्रतिनिधि हैं. आधिकारिक कार्यक्रम के अनुसार, डोभाल ब्रिक्स देशों के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ शुक्रवार को चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से भी मुलाकात करेंगे. भारतीय सेना ने भारत-भूटान-चीन सीमा पर चीनी सेना को सड़क बनाने से रोक दिया था जिसके बाद एक महीने से ज्यादा समय से चीन और भारत की सेना आमने-सामने है.
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चीन ने दावा किया है कि वह अपने क्षेत्र के भीतर सड़क का निर्माण कर रहा है. भारत ने इस निर्माण का विरोध जताया है और डर जताया है कि इससे चीन को पूर्वोत्तर राज्यों तक भारत की पहुंच खत्म करने में मदद मिलेगी. डोभाल की यात्रा के मद्देनजर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने बुधवार को दोहराया था कि भारत जब तक डोकलाम इलाके से सेना को ‘बिना शर्त’ वापस नहीं बुलाता तब तक उसके साथ कोई सार्थक बातचीत नहीं हो सकती. लू ने यह भी कहा कि विदेश मंत्री वांग यी ने इस मुद्दे पर आधिकारिक रूप से चीन का रुख स्पष्ट कर दिया है.
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बहरहाल, चीन इस बात पर बना हुआ है कि भारतीय सेना की वापसी के बिना कोई सार्थक बातचीत नहीं हो सकती लेकिन चीन के विदेश मंत्रालय ने डोभाल और यांग के बीच द्विपक्षीय बैठक का संकेत दिया था जो ब्रिक्स के एनएसए की बैठक की पंरपरा का हिस्सा है.
ब्रिक्स एनएसए बैठक के बारे में लू ने मीडिया से कहा, ‘‘सुरक्षा मुद्दों पर बैठक ब्रिक्स देशों के लिए एक बड़ा मंच है, जहां राजनीति और सुरक्षा के क्षेत्रों में सहयोग करने तथा चर्चा की जा सकती है.’’ उन्होंने कहा कि इस दौरान वैश्विक शासन, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई, आंतरिक सुरक्षा और ऊर्जा सुरक्षा समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होगी. साथ ही बड़े अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्र के मुख्य मुद्दों पर बातचीत होगी.
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