भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल की दूरसंचार क्षेत्र के कर और शुल्कों में कटौती की मांग

सुनील मित्तल ने कहा, ‘उद्योग के लिए एजीआर का मामला अप्रत्याशित संकट है. सरकार के साथ मिलकर इससे निपटा जा रहा है.’ मित्तल ने कहा कि उद्योग पर इस समय ऊंची दर से कर लगाया जा रहा है. उन्होंने सरकार से क्षेत्र के करों और शुल्कों में कटौती की मांग की.

भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल की दूरसंचार क्षेत्र के कर और शुल्कों में कटौती की मांग

प्रतीकात्मक तस्वीर

खास बातें

  • सुनील मित्तल ने गुरुवार को दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद से मुलाकात की
  • दूरसंचार क्षेत्र के कर और शुल्कों में कटौती की मांग की
  • एजीआर बकाया पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुपालन को लेकर प्रतिबद्ध है
नई दिल्ली:

भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल ने बृहस्पतिवार को दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद से मुलाकात की और दूरसंचार क्षेत्र के कर और शुल्कों में कटौती की मांग की. मित्तल ने यह भी कहा कि एयरटेल समायोजित सकल आय (एजीआर) बकाया पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुपालन को लेकर प्रतिबद्ध है. उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी शेष राशि का भुगतान जल्द करेगी. उन्होंने कहा, ‘उद्योग के लिए एजीआर का मामला अप्रत्याशित संकट है. सरकार के साथ मिलकर इससे निपटा जा रहा है.' मित्तल ने कहा कि उद्योग पर इस समय ऊंची दर से कर लगाया जा रहा है. उन्होंने सरकार से क्षेत्र के करों और शुल्कों में कटौती की मांग की.

उन्होंने कहा कि एयरटेल के पास भुगतान के लिए 17 मार्च तक का समय है. कंपनी बकाए का भुगतान इस तिथि से काफी पहले कर देगी. इससे पहले एयरटेल के प्रमुख सुनील भारती मित्तल ने बुधवार को कहा था कि दूरसंचार क्षेत्र पिछले साढ़े तीन साल से दबाव में है, ऐसे में सरकार को इस क्षेत्र की सेहत पर ध्यान देना चाहिए. नार्थ ब्लॉक स्थित वित्त मंत्रालय में शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात करने के बाद बाहर निकलने पर मित्तल ने संवाददाताओं से कहा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उत्पन्न समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) बकाए के भुगतान मुद्दे पर बैठक मे कोई चर्चा नहीं हुई.

वोडाफोन आइडिया ने AGR बकाये के एक हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया: सूत्र

उन्होंने कहा कि दूरसंचार उद्योग सरकार के डिजिटल एजेंडा और देश के लिए व्यापक महत्व वाला है. उन्होंने कहा, ‘ऐसे में सरकार को यह देखने की जरूरत है कि इस क्षेत्र को किस प्रकार मजबूत बनाया जा सकता है.' मित्तल ने कहा कि शीर्ष अदालत के फैसले के बाद जो भी भुगतान करना है उसके लिए एयरटेल ने पहले ही अपनी योजना की घोषणा कर दी है. कंपनी ने उसकी कुल 35,000 करोड़ रुपये की देनदारी में से 10,000 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है. वित्त मंत्रालय में जाने से पहले मित्तल ने दूरसंचार सचिव से भी मुलाकात की. उन्होंने कहा कि कंपनी कुल देनदारी की गणना कर रही है.

VIDEO: सुप्रीम कोर्ट की कड़ी नाराज़गी के बाद टेलीकॉम कंपनियां चुका रही हैं रकम

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com