दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’श्रेणी में, कम तापमान और धीमी हवाओं के कारण बढ़ा प्रदूषण

दिल्ली में शुक्रवार को वायु प्रदूषण का स्तर ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया है. कम तापमान और धीमी हवाओं के कारण पैदा हुई मौसम संबंधी प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण वायु प्रदूषण का स्तर खराब हुआ है.

दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’श्रेणी में, कम तापमान और धीमी हवाओं के कारण बढ़ा प्रदूषण

वायु प्रदूषण का स्तर पहुंचा गंभीर श्रेणी में, मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियां हैं कारण

नई दिल्ली:

दिल्ली में शुक्रवार को वायु प्रदूषण का स्तर ‘गंभीर' श्रेणी में पहुंच गया है. कम तापमान और धीमी हवाओं के कारण पैदा हुई मौसम संबंधी प्रतिकूल परिस्थितियों के चलते वायु प्रदूषण का स्तर खराब हुआ है. सुबह नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 403 दर्ज किया गया. दिल्ली की वायु गुणवत्ता नवंबर के अधिकतर दिनों में बहुत खराब या गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई है.  दिल्ली में 24 घंटे का औसत एक्यूआई एक नवंबर को सबसे कम (281) दर्ज किया गया था और इसके बाद ये 23 नवंबर को सबसे कम (290) रहा था. वहीं पड़ोसी शहरों फरीदाबाद (417), गाजियाबाद (373), ग्रेटर नोएडा (378), गुड़गांव (361) और नोएडा (383) में भी शुक्रवार सुबह वायु गुणवत्ता में गिरावट देखी गई.

एक्यूआई को शून्य और 50 के बीच ''अच्छा'', 51 और 100 के बीच ''संतोषजनक'', 101 और 200 के बीच ''मध्यम'', 201 और 300 के बीच ''खराब'', 301 और 400 के बीच ''बहुत खराब'' और 401 और 500 के बीच ''गंभीर'' श्रेणी में माना जाता है.

दिल्ली में न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया और अधिकतम तापमान के 28 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रहने की संभावना है. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी एजेंसी ‘सफर' ने बताया कि सोमवार तक कोई राहत मिलने की उम्मीद नहीं है. स्थानीय उत्सर्जकों और मौसमी परिस्थितियों के वायु गुणवत्ता को नियंत्रित करने वाले प्रमुख कारक बने रहने की संभावना है.

निर्माण एवं तोड़फोड़ गतिविधियों पर लगाया प्रतिबंध

उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद दिल्ली सरकार ने निर्माण एवं तोड़फोड़ की गतिविधियों पर बृहस्पतिवार को फिर से प्रतिबंध लगा दिया है. न्यायालय ने बुधवार को दिल्ली-एनसीआर में अगले आदेश तक निर्माण गतिविधियों पर फिर से रोक लगाने का निर्देश दिया था. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बृहस्पतिवार को कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी में निर्माण गतिविधियों पर रोक लगाने से प्रभावित होने वाले मजदूरों को पांच-पांच हजार रुपये की सहायता दी जाएगी और उनकी सरकार उन्हें न्यूनतम मजदूरी के नुकसान की भरपाई भी करेगी.

इससे पूर्व, वायु गुणवत्ता में सुधार और श्रमिकों को हो रही परेशानी की वजह से सोमवार को निर्माण एवं तोड़फोड़ गतिविधियों से प्रतिबंध हटा दिया गया था. दिल्ली सरकार ने वायु गुणवत्ता में ‘‘सुधार'' के मद्देनजर स्कूल, कॉलेज और अन्य शिक्षण संस्थानों में प्रत्यक्ष कक्षाएं तथा सरकारी दफ्तरों को 29 नवंबर से फिर शुरू करने का फैसला किया था.

गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने 13 नवंबर को सभी शिक्षण संस्थानों को बंद करने, निर्माण और तोड़-फोड़ की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था. दिल्ली सरकार ने इसके साथ ही अपने कर्मचारियों को, वायु प्रदूषण से निपटने तथा स्वास्थ्य पर इसके प्रभावों से बचने के लिए घर से काम करने के लिए कहा था. 

ट्रकों के प्रवेश पर लगा प्रतिबंध

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राजधानी में आवश्यक सेवाओं में लगे ट्रकों को छोड़कर अन्य ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध तीन दिसंबर तक जारी रहेगा. लेकिन सीएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों को 27 नवंबर से दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी. दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर को राष्ट्रीय राजधानी में गैर-जरूरी सामान लाने-लेजाने वाले ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के अलावा, पाबंदियों को और बढ़ा दिया था.



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)