
कैप्टन हर्ष तिवारी ने एयर इंडिया का विमान उड़ाते समय कभी कल्पना भी नहीं की होगी कि कोविड के कारण उनकी मृत्यु के 10 दिन बाद भी उनकी बेटी उनका इंतजार कर रही होगी. दरअसल, अभी तक बच्ची को पिता की मौत की सूचना नहीं दी गई है. हर्ष तिवारी की पत्नी ने आंसू थामते हुए कहा कि हमारा परिवार तबाह नहीं होता अगर उन्हें फ्रंटलाइन वर्कर मान लिया जाता और वैक्सीन लगाई जाती.
मृदुस्मिता दास तिवारी ने एनडीटीवी से कहा- पति के अंतिम संस्कार के लिए हरिद्वार में हैं. मेरे ससुराल वाले बुजुर्ग हैं और वे रिटायर हो चुके हैं. मेरी पांच साल की बेटी है. हमने अभी अपनी जिंदगी शुरू ही की थी. कैप्तन हर्ष तिवारी ने 2016 में एयर इंडिया ज्वाइन की थी.
उन्होंने बताया कि बच्ची इस दर्द से अनजान है. वह जानना चाहती है कि आखिर चल क्या रहा है. मृदुस्मिता ने आंसू थामते हुए बताया कि वह अपने पिता के वापस आने का इंतजार कर रही है. वह जानती है कि पिता अस्पताल में हैं. वह हमेशा पूछती रहती है कि इतना समय क्यों लग रहा है. बेटी को पिता के बिना रहने की आदत नहीं है. हालांकि इस तरह के संकट में वह अकेली नहीं हैं. पिछले एक साल में कोरोना महामारी के चलते 17 पायलटों की मौत हो चुकी है. उनमें से 13 अकेले फरवरी 2021 में है.
अभी तक पायलटों की मृत्यु के मामले में पर्याप्त मुआवजे की कोई योजना नहीं है. पायलटों के परिवारों को सुरक्षा देने वाली ऐसी कोई बीमा योजना नहीं है. फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स यानी 5000 से अधिक सदस्यों का निकाय जनहित याचिका दायर कर आंदोलन करना चाहता है.इस फेडरेशन के सदस्य एयर इंडिया, स्पाइसजेट और इंडिगो सहित कई एयरलाइनों से जुड़े हुए हैं. ये बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर फ्रंटलाइन वर्कर टैग के तहत एक अलग श्रेणी एयर ट्रांसपोर्टेशन वर्कस बनाने की मांग कर रहे हैं.
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