एम्स प्रमुख रणदीप गुलेरिया ( (AIIMS Cheif Randeep Guleria) का कहना है कि भारत को अब कोविड-19 (COVID-19) के प्रसार को रोकने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों के टीकाकरण (Vaccination) पर ध्यान देना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि बूस्टर डोज का विचार इंतजार कर सकता है. एम्स प्रमुख ने कहा कि सीरो सर्वे ने सुझाया है कि यदि टीकाकरण अपनी पूरी क्षमता से जारी रहा तो संभावित कोविड की तीसरी लहर में कोरोना वायरस के उतरने मामले नहीं होंगे. देश में अब तक 60 करोड़ से अधिक कोविड-19 की वैक्सीन लग चुकी है.
इंटीग्रेटेड हेल्थ एंड वेलबीइंग काउंसिल द्वारा आयोजित एक वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान गुलेरिया ने उच्च जोखिम समूहों के टीकाकरण पर जोर दिया है.
गुलेरिया ने कहा, 'मुझे लगता है कि हमें उन लोगों के टीकाकरण पर ध्यान देना चाहिए, जिन्हें अब तक टीका नहीं लगाया गया है. विशेष रूप से उच्च जोखिम वाले समूह. अभी भी कई स्वास्थ्यकर्मियों, बुजुर्गों और कई बीमारियों से ग्रस्त लोगों को टीका लगाया गया है और वे वही हैं जिन्हें अधिक गंभीर बीमारी और कोविड-19 के कारण मरने का खतरा है.'
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एम्स प्रमुख ने कहा कि बूस्टर खुराक के विचार की खोज करने की बजाय अगर उन लोगों को वैक्सीन देने पर ध्यान केंद्रित किया जाता है जिन्हें इससे लाभ होगा तो 'हम जीवन बचाने में सक्षम हो सकते हैं.'
गुलेरिया ने कहा, 'मुझे लगता है कि मामला तीन शाॅट्स, चार शाॅट्स और अलग-अलग चीजों की कोशिश की जगह जितना संभव हो उतने व्यक्तियों का टीकाकरण करना चाहिए. मुझे लगता है कि अभी जो हम जानते हैं, उससे चिपके रहें और अधिक से अधिक लोगों के टीकाकरण पर ध्यान केंद्रित करें जैसा हम कर सकते हैं.'
उन्होंने कहा कि देश में अभी बूस्टर डोज की आवश्यकता को दिखाने के लिए पर्याप्त डाटा उपलब्ध नहीं है. उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता है कि हमारे पास यह दिखाने के लिए पर्याप्त डाटा है कि बूस्टर डोज की आवश्यकता है. याद रखें कि एंटीबाॅडी सुरक्षा देने का इकलौता तरीका नहीं है.'
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