इसी बीएमडब्ल्यू को चला रहे थे विस्मय शाह.
अहमदाबाद:
फरवरी 2013 में इस बीएमडबल्यू हिट एंड रन मामले की सीसीटीवी तस्वीरों ने अहमदाबाद के लोगों को झकझोर दिया था। रात के 12 बजे तेज गति से जा रही बीएमडबल्यू ने बाइक पर सवार दो युवाओं को इस कदर ठोकर मारी थी कि दोनों हवा में कई फीट उछल गए थे।
25 साल के शिवम दवे की तो घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी और 21 साल के राहुल पटेल की दूसरे दिन हस्पताल में मौत हो गई। घटनास्थल से भाग गए अहमदाबाद के एक बड़े डॉक्टर के बेटे विस्मय शाह ये बीएमडबल्यू गाड़ी चला रहे थे और घटना होते ही वो वहां से भाग खड़े हुए थे।
दो दिन बाद विस्मय ने अपने आप को पुलिस स्टेशन में सरेंडर कर दिया था। तब से 13 महीने तक वो जेल में रहे और फिर उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली।
ये मामला जब कोर्ट में पहुंचा, तो वहां और भी कई पासे पलटे। इस मामले के अहम गवाह थे दो व्यक्ति ललित गुप्ता और दिनेश। ये दोनों मारे गए दोनों युवाओं के दोस्त थे और पास ही दूसरी बाइक पर साथ में जा रहे थे। दोनों ने पूरी घटना अपनी आंखों से बहुत करीब से देखी थी और घटना के चश्मदीद थे।
इन्होंने कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने भी सेक्शन 164 के तहत बयान दिया था कि विस्मय ही गाड़ी चला रहा था और घटना होते ही वहां से भाग गया था, लेकिन बाद में ये दोनों कोर्ट में अपने बयान से पलट गए थे, इससे भी काफी हंगामा मचा था।
ऐसा लगने लगा था कि ये केस भी शायद अभियोग पक्ष के हाथों से निकल जाएगा, लेकिन सीसीटीवी के अलावा फोरेन्सिक रिपोर्ट जेसै कई अहम दस्तावेज थे, जिससे ये साफ हो गया था कि गाड़ी 120 किमी की स्पीड से जा रही थी और विस्मय ही गाड़ी चला रहा था।
आखिरकार सोमवार को सेशन्स जज ने अपना फैसला सुनाया और विस्मय शाह को 5 साल की सजा सुनाई और दोनों पीड़ित परिवारों को 5-5 लाख मुआवजा देने की भी घोषणा की।
फैसला सुनते ही राहुल पटेल के पिता घनश्याम पटेल की आंखों में कोर्ट में ही आंसू आ गए। उन्होंने कहा कि बेटे की मौत के जिम्मेदार को सजा सुनकर सुकून के आंसू निकले हैं।
25 साल के शिवम दवे की तो घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी और 21 साल के राहुल पटेल की दूसरे दिन हस्पताल में मौत हो गई। घटनास्थल से भाग गए अहमदाबाद के एक बड़े डॉक्टर के बेटे विस्मय शाह ये बीएमडबल्यू गाड़ी चला रहे थे और घटना होते ही वो वहां से भाग खड़े हुए थे।
दो दिन बाद विस्मय ने अपने आप को पुलिस स्टेशन में सरेंडर कर दिया था। तब से 13 महीने तक वो जेल में रहे और फिर उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली।
ये मामला जब कोर्ट में पहुंचा, तो वहां और भी कई पासे पलटे। इस मामले के अहम गवाह थे दो व्यक्ति ललित गुप्ता और दिनेश। ये दोनों मारे गए दोनों युवाओं के दोस्त थे और पास ही दूसरी बाइक पर साथ में जा रहे थे। दोनों ने पूरी घटना अपनी आंखों से बहुत करीब से देखी थी और घटना के चश्मदीद थे।
इन्होंने कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने भी सेक्शन 164 के तहत बयान दिया था कि विस्मय ही गाड़ी चला रहा था और घटना होते ही वहां से भाग गया था, लेकिन बाद में ये दोनों कोर्ट में अपने बयान से पलट गए थे, इससे भी काफी हंगामा मचा था।
ऐसा लगने लगा था कि ये केस भी शायद अभियोग पक्ष के हाथों से निकल जाएगा, लेकिन सीसीटीवी के अलावा फोरेन्सिक रिपोर्ट जेसै कई अहम दस्तावेज थे, जिससे ये साफ हो गया था कि गाड़ी 120 किमी की स्पीड से जा रही थी और विस्मय ही गाड़ी चला रहा था।
आखिरकार सोमवार को सेशन्स जज ने अपना फैसला सुनाया और विस्मय शाह को 5 साल की सजा सुनाई और दोनों पीड़ित परिवारों को 5-5 लाख मुआवजा देने की भी घोषणा की।
फैसला सुनते ही राहुल पटेल के पिता घनश्याम पटेल की आंखों में कोर्ट में ही आंसू आ गए। उन्होंने कहा कि बेटे की मौत के जिम्मेदार को सजा सुनकर सुकून के आंसू निकले हैं।
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