

शंकर सिंह वाघेला
वाघेला के रिश्तेदार बलवंत सिंह राजपूत ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन कर ली और उसके बाद बीजेपी ने तीसरे प्रत्याशी के रूप में उनको मैदान में उतार दिया. इससे कांग्रेस में फूट को देखते हुए क्रॉस वोटिंग की संभावना दिख रही है. लिहाजा कांग्रेस ने अपने विधायकों को बेंगलुरू पहुंचाया है.
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार देर शाम तक, करीब 11 कांग्रेसी विधायक राजकोट में एकांत जगह पर रहे, जबकि 15 एमएलए यहां से करीब 240 किलोमीटर दूर बोरसाड में एक रिसॉर्ट में थे, जहां पार्टी के प्रदेश प्रमुख भारत सोलंकी ने उनके साथ बैठक की. कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह गुजरात में खरीद-फरोख्त में शामिल है और 'धन, ताकत और राज्य सत्ता' का इस्तेमाल कर रही है ताकि महत्वपूर्ण राज्यसभा चुनावों से पहले दल-बदल करवा सके.
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कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि 'गुजरात में भाजपा ने खरीद-फरोख्त में करोड़ों रुपये खर्च किए हैं. आपने यह नौटंकी देखी है... गुजरात में भाजपा की नीति है कि सभी कानूनों को तोड़कर जैसे भी हो सत्ता में बने रहा जाए'. सिंघवी ने कहा कि पार्टी अपने सारे विकल्प खुले रख रही है और विधायकों को चेतावनी दी कि दल-बदल विरोधी कानून के तहत वे छह वर्ष तक चुनाव लड़ने के अयोग्य हो जाएंगे.
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VIDEO- कांग्रेस विधायकों ने बीजेपी का दामन थामा
182 सदस्यीय विधानसभा में अब पार्टी के घटकर 51 विधायक रह गए हैं. सूत्रों ने बताया कि वाघेला के प्रति वफादार कुछ और विधायक इस्तीफा दे सकते हैं, जबकि अन्य अगले सप्ताह कांग्रेस के उम्मीदवार के खिलाफ वोट कर सकते हैं जैसा कि राष्ट्रपति चुनाव, जैसा कि 11 लोगों ने विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार की बजाय रामनाथ कोविंद के लिए मतदान किया था.
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