विज्ञापन
This Article is From Sep 22, 2015

पीएम नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले अरबों डॉलर के सैन्य हेलीकॉप्टर सौदे को मंजूरी

पीएम नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले अरबों डॉलर के सैन्य हेलीकॉप्टर सौदे को मंजूरी
प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति ने अमेरिकी विमानन कंपनी बोइंग से 22 अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर और 15 शिनूक हेवी लिफ्ट हेलीकॉप्टर की खरीदारी के सौदे को मंगलवार को मंजूरी दे दी।

सरकारी सूत्रों ने बताया, 'अपाचे और शिनूक हेलीकॉप्टर को मंजूरी दी गई।' रक्षा क्षेत्र से जुड़े कई लोगों को उम्मीद थी कि 2013 में लागत वार्ता को अंतिम रूप दिए जाने के बाद ढाई अरब डॉलर से ज्यादा मूल्य वाले इस सौदे पर इस साल जून में अमेरिकी रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर की यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए जाएंगे।

अपाचे का यह सौदा 'हाइब्रिड' है और इसमें हेलीकॉप्टर के लिए एक करार पर बोइंग के साथ हस्ताक्षर किए जाएंगे, जबकि उसके हथियारों, रडार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध उपकरणों के लिए अमेरिकी सरकार के साथ हस्ताक्षर किए जाएंगे।

गौरतलब है कि अमेरिका इसके करार पर जोर दे रहा था, क्योंकि यह भारत के बढ़ते रक्षा बाजार में अमेरिकी मौजूदगी को और मजबूत करेगा।
 

पिछले एक दशक के दौरान अमेरिकी कंपनियों ने तकरीबन 10 अरब डॉलर मूल्य के रक्षा करार हासिल किए हैं। इनमें पी-81 नौवहन टोही विमान, सी-130जे ‘सुपर हरक्यूलिस’ और सी-17 ग्लोबमास्टर-3 जैसे विमानों के करार शामिल हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा के वाषिर्क शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए बुधवार को अमेरिका रवाना होंगे। हेलीकॉप्टर सौदा अमेरिकी पक्ष की तरफ से 10 मूल्य समीक्षाओं से गुजरा है।

करार में 11 और अपाचे तथा चार अतिरिक्त शिनूक हेलीकॉप्टरों की खरीदारी के लिए ‘फॉलो-ऑन ऑर्डर’ पेश करने की गुंजाइश देने के लिए अनुच्छेद होंगे।

अपाचे और शिनूक दोनों ही प्लेटफॉर्म का उपयोग अफगानिस्तान और इराक में युद्धक अभियानों में किया गया है। रूस ने अपने एमआई-28एन नाईट हंटर और एमआई-26 हेवी-लिफ्ट हेलीकॉप्टर की पेशकश की थी, लेकिन अमेरिकी हेलीकॉप्टरों ने उन्हें पछाड़ दिया।

अमेरिका की तरफ से मिलने वाला अपाचे एएच 64-डी लॉन्गबो हेलीकॉप्टर सर्वाधिक आधुनिक मल्टी-रोल युद्धक हेलीकॉप्टर है। इसमें हर मौसम में रात में युद्ध अभियान संचालित करने की क्षमता है। यह एक मिनट से कम समय में 128 लक्ष्यों तक को चिह्नित कर सकता है और 16 लक्ष्यों पर निशाना साध सकता है और बचाव कर सकता है। इसके अतिरिक्त, इसमें दुश्मन के रडार से बचकर निकल जाने की क्षमता है। इसके सेंसर आधुनिक हैं और इसकी मिसाइलें दृश्य प्रकाश क्षेत्र से आगे की रोशनी में काम करती हैं। भारत हेलफायर मिसाइलें और रॉकेट भी हासिल करने वाला है।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com