नई दिल्ली:
नए और युवा चेहरों को जगह देने के लिए विदेश मंत्री एसएम कृष्णा और केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अम्बिका सोनी सहित सात मंत्रियों के इस्तीफे के साथ ही रविवार को होने जा रहे केंद्रीय मंत्रिमंडल के बहुप्रतीक्षित फेरबदल की तैयारी पूरी हो गई है।
नए मंत्री रविवार सुबह शपथ लेंगे। राष्ट्रपति भवन के एक अधिकारी ने बताया, "शपथ ग्रहण समारोह सुबह 11.30 बजे आयोजित होगा।"
कृष्णा के अलावा जिन कैबिनेट मंत्रियों ने अपने इस्तीफे दिए हैं उनमें केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अम्बिका सोनी, केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री मुकुल वासनिक और केंद्रीय पर्यटन मंत्री सुबोधकांत सहाय शामिल हैं।
जिन राज्य मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफे दिए हैं उनमें जल संसाधन मंत्री विसेंट पाल, ग्रामीण विकास राज्य मंत्री अगाथा संगमा और जनजातीय मामलों के राज्य मंत्री महादेव सिंह खंडेला शामिल हैं। इन सभी नेताओं ने प्रधानमंत्री से 7, रेस कोर्स मार्ग स्थित उनके सरकारी निवास पर मिलकर उन्हें अपने इस्तीफे सौंपे।
अम्बिका सोनी, सहाय और वासनिक ने शनिवार सुबह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की।
सहाय के इस्तीफे की पुष्टि उनके एक करीबी सहयोगी ने की। सहयोगी ने कहा कि सहाय अब पार्टी के कामकाज पर ध्यान देंगे। "वह पार्टी संगठन में अपेक्षाकृत अधिक सक्रिय भूमिका निभाएंगे।"
आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर संगठन को दुरुस्त करने के लिए इन नेताओं ने प्रधानमंत्री को अपने इस्तीफे सौंपे हैं। ऐसा इसलिए ताकि इस्तीफों के बाद प्रधानमंत्री अपनी सहूलियत से मंत्रिपरिषद को नया स्वरूप दे सकें। ऐसी चर्चा है कि प्रधानमंत्री अपनी नई मंत्रिपरिषद में युवाओं को तरजीह देंगे।
इस बीच, वासनिक ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने शुक्रवार शाम ही अपना इस्तीफा दे दिया था।
कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले में विपक्ष के हमलों के केंद्र रहे सहाय ने भी कहा कि वह पार्टी के लिए काम करना चाहते हैं। "पार्टी के लिए काम करना बड़े सम्मान की बात है।"
कृष्णा ने शनिवार सुबह प्रधानमंत्री से मुलाकात की और उसके बाद संवाददाताओं से कहा कि अब युवाओं को जिम्मेदारी संभालने का समय आ गया है।
कृष्णा ने पद छोड़ने के एक दिन बाद अपने निवास पर संवाददाताओं से कहा, "इस्तीफे के पीछे का पूरा तर्क यह है कि युवाओं को अधिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए। मेरे लिए यह उचित समय है कि युवाओं को मौका देने के लिए रास्ता तैयार करूं।"
उल्लेखनीय है कि तृणमूल कांग्रेस के सरकार से अलग होने के बाद मंत्रिपरिषद में छह पद पहले से ही खाली पड़े हैं। इसके अलावा विलास राव देशमुख के निधन से खाली हुई सीट भी अब तक नहीं भरी गई है। द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) कोटे की दो सीटें भी अब तक रिक्त हैं। ए. राजा और दयानिधि मारन के इस्तीफों के बाद इन पदों को अब तक भरा नहीं गया है।
रविवार के फेरबदल में जिन सम्भावित नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है, उनमें अभिनेता से नेता बने आंध्र प्रदेश से चिरंजीवी, मालदा जिले से कांग्रेस के दिवंगत नेता अबु बरकत गनी खान चौधरी के भाई अबु हसन खान चौधरी शामिल हैं। चिरंजीवी की प्रजा राज्यम पार्टी (पीआरपी) का पिछले वर्ष कांग्रेस में विलय हो गया था।
पश्चिम बंगाल कोटे से पूर्व मंत्री प्रियरंजन दासमुंशी की पत्नी दीपा दासमुंशी को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। प्रियरंजन दासमुंशी लम्बे समय से कोमा में हैं।
कृष्णा के उत्तराधिकारी के रूप में कई नाम चर्चा में हैं। इनमें केंद्रीय वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा, वरिष्ठ पार्टी सांसद कर्ण सिंह और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर के नाम शामिल हैं।
यह फेरबदल 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले का अंतिम फेरबदल हो सकता है।
कपिल सिब्बल, सीपी जोशी, व्यालार रवि और सलमान खुर्शीद जैसे मंत्री एक से अधिक विभाग सम्भाल रहे हैं। उन्हें इस फेरबदल में राहत मिल सकती है। जबकि सचिन पायलट और ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे राज्य मंत्रियों की प्रोन्नति हो सकती है।
सूत्रों के अनुसार पार्टी महासचिव राहुल गांधी प्रधानमंत्री के सरकार में शामिल होने के न्योते को स्वीकार कर सकते हैं। इसे लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। चर्चा यह भी है कि वह संगठन में कोई अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
जिन मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बाहर किया जा सकता है, उनमें कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल और इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा शामिल हैं।
उधर, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने अगाथा संगमा की जगह पहले ही तारिक अनवर को मंत्री बनाए जाने को हरी झंडी दे रखी है।
नए मंत्री रविवार सुबह शपथ लेंगे। राष्ट्रपति भवन के एक अधिकारी ने बताया, "शपथ ग्रहण समारोह सुबह 11.30 बजे आयोजित होगा।"
कृष्णा के अलावा जिन कैबिनेट मंत्रियों ने अपने इस्तीफे दिए हैं उनमें केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अम्बिका सोनी, केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री मुकुल वासनिक और केंद्रीय पर्यटन मंत्री सुबोधकांत सहाय शामिल हैं।
जिन राज्य मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफे दिए हैं उनमें जल संसाधन मंत्री विसेंट पाल, ग्रामीण विकास राज्य मंत्री अगाथा संगमा और जनजातीय मामलों के राज्य मंत्री महादेव सिंह खंडेला शामिल हैं। इन सभी नेताओं ने प्रधानमंत्री से 7, रेस कोर्स मार्ग स्थित उनके सरकारी निवास पर मिलकर उन्हें अपने इस्तीफे सौंपे।
अम्बिका सोनी, सहाय और वासनिक ने शनिवार सुबह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की।
सहाय के इस्तीफे की पुष्टि उनके एक करीबी सहयोगी ने की। सहयोगी ने कहा कि सहाय अब पार्टी के कामकाज पर ध्यान देंगे। "वह पार्टी संगठन में अपेक्षाकृत अधिक सक्रिय भूमिका निभाएंगे।"
आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर संगठन को दुरुस्त करने के लिए इन नेताओं ने प्रधानमंत्री को अपने इस्तीफे सौंपे हैं। ऐसा इसलिए ताकि इस्तीफों के बाद प्रधानमंत्री अपनी सहूलियत से मंत्रिपरिषद को नया स्वरूप दे सकें। ऐसी चर्चा है कि प्रधानमंत्री अपनी नई मंत्रिपरिषद में युवाओं को तरजीह देंगे।
इस बीच, वासनिक ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने शुक्रवार शाम ही अपना इस्तीफा दे दिया था।
कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले में विपक्ष के हमलों के केंद्र रहे सहाय ने भी कहा कि वह पार्टी के लिए काम करना चाहते हैं। "पार्टी के लिए काम करना बड़े सम्मान की बात है।"
कृष्णा ने शनिवार सुबह प्रधानमंत्री से मुलाकात की और उसके बाद संवाददाताओं से कहा कि अब युवाओं को जिम्मेदारी संभालने का समय आ गया है।
कृष्णा ने पद छोड़ने के एक दिन बाद अपने निवास पर संवाददाताओं से कहा, "इस्तीफे के पीछे का पूरा तर्क यह है कि युवाओं को अधिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए। मेरे लिए यह उचित समय है कि युवाओं को मौका देने के लिए रास्ता तैयार करूं।"
उल्लेखनीय है कि तृणमूल कांग्रेस के सरकार से अलग होने के बाद मंत्रिपरिषद में छह पद पहले से ही खाली पड़े हैं। इसके अलावा विलास राव देशमुख के निधन से खाली हुई सीट भी अब तक नहीं भरी गई है। द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) कोटे की दो सीटें भी अब तक रिक्त हैं। ए. राजा और दयानिधि मारन के इस्तीफों के बाद इन पदों को अब तक भरा नहीं गया है।
रविवार के फेरबदल में जिन सम्भावित नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है, उनमें अभिनेता से नेता बने आंध्र प्रदेश से चिरंजीवी, मालदा जिले से कांग्रेस के दिवंगत नेता अबु बरकत गनी खान चौधरी के भाई अबु हसन खान चौधरी शामिल हैं। चिरंजीवी की प्रजा राज्यम पार्टी (पीआरपी) का पिछले वर्ष कांग्रेस में विलय हो गया था।
पश्चिम बंगाल कोटे से पूर्व मंत्री प्रियरंजन दासमुंशी की पत्नी दीपा दासमुंशी को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। प्रियरंजन दासमुंशी लम्बे समय से कोमा में हैं।
कृष्णा के उत्तराधिकारी के रूप में कई नाम चर्चा में हैं। इनमें केंद्रीय वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा, वरिष्ठ पार्टी सांसद कर्ण सिंह और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर के नाम शामिल हैं।
यह फेरबदल 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले का अंतिम फेरबदल हो सकता है।
कपिल सिब्बल, सीपी जोशी, व्यालार रवि और सलमान खुर्शीद जैसे मंत्री एक से अधिक विभाग सम्भाल रहे हैं। उन्हें इस फेरबदल में राहत मिल सकती है। जबकि सचिन पायलट और ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे राज्य मंत्रियों की प्रोन्नति हो सकती है।
सूत्रों के अनुसार पार्टी महासचिव राहुल गांधी प्रधानमंत्री के सरकार में शामिल होने के न्योते को स्वीकार कर सकते हैं। इसे लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। चर्चा यह भी है कि वह संगठन में कोई अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
जिन मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बाहर किया जा सकता है, उनमें कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल और इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा शामिल हैं।
उधर, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने अगाथा संगमा की जगह पहले ही तारिक अनवर को मंत्री बनाए जाने को हरी झंडी दे रखी है।
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