
मीडिया से बात करते हुए पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी.
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कोर्ट ने जमानत के लिए शर्तें भी लगाई हैं.
कोर्ट ने दो लाख के मुचलके पर जमानत दी है.
गवाहों और सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करने की हिदायत दी है.
कोर्ट ने जमानत के लिए शर्तें भी लगाई हैं. कोर्ट ने दो लाख के मुचलके पर जमानत दी है. गवाहों और सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करने की हिदायत दी है. कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया है कि जमानत की अवधि के दौरान त्यागी एनसीआर छोड़कर नहीं जाएंगे और जांच में सहयोग करेंगे.
पटियाला हाउस कोर्ट का फैसला ने कहा कि सीबीआई ये बताने में नाकाम रही कि SP त्यागी को कितनी रकम दी गई और ये रकम कब दी गई. सीबीआई ने 2013 में प्रोपर्टी के कागजात सीज किए लेकिन तीन साल 9 महीने बीतने के बाद भी सीबीआई इसकी जांच नहीं कर पाई.
बचाव पक्ष ने कोर्ट में कहा कि त्यागी 2007 में रिटायर हुए और एफआईआर 3 साल 9 महीने के बाद दर्ज हुई इसलिए ये नहीं कहा जा सकता कि इतने वक्त बाद वो गवाहों और सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं. इतना ही नहीं इस वक्त के दौरान उनके खिलाफ एलओसी लुक आउट सर्कुलर को भी वापस किया गया और विदेश जाने की इजाजत भी दी गई. सीबीआई के नो आब्जेक्शन सर्टिफिकेट के बाद त्यागी के बैंक अकाउंट भी डीफ्रीज किए गए. आरोपी त्यागी जांच में शामिल हुए जब भी एजेंसी ने जांच में बुलाया. अब वे 72 साल के हैं और दिल की बीमारी, डायबटीज, नेत्र रोग, हाइपरटेंशन समेत कई बीमारियों से पीड़ित हैं. इसलिए उन्हें जेल में रखने से कोई परपज हल नहीं होगा.
मामले में आरोपी पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी और अन्य आरोपियों की जमानत याचिका पर पटियाला हाउस कोर्ट ने फैसला सुनाया है. इससे पहले कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था.
सुनवाई में जमानत का विरोध करते हुए सीबीआई ने कहा कि ये एक बड़ी और अहम जांच है जिसमें कई हाई रैंक लोगों की भूमिका की जांच जारी है. अभी की जांच में त्यागी के खिलाफ अहम सबूत मिले हैं जिनसे घोटाले की कड़ियां जोड़ने में मदद मिलेगी. मामले में आरोपियों के मीटिंग करने और उनकी जगहों को भी साबित करने वाले सबूत मिले हैं.
इस जांच के बारे में अभी ज्यादा खुलासा नहीं किया जा सकता क्योंकि अगर आरोपी को पता चल गया कि जांच किस दिशा में चल रही है और किससे पूछताछ होगी, कहां रेड होगी तो वो दूसरे लोगों को आगाह कर सकता है और वो लोग अहम सबूतों को नष्ट कर सकते हैं. जांच एजेंसी मनी ट्रेल की जांच नहीं कर रही बल्कि ये छानबीन कर रही है कि इस अपराध को किस तरीके से अंजाम दिया गया. इसमें कौन कौन लोग शामिल थे.
इस मामले में सीबीआई व्यवस्थित ढंग से जांच को आगे बढ़ रही है. जल्दबाजी में किसी को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता. ये जांच इटली और 8 देशों तक पहुंची है जिसमें लाखों दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं. 70 फीसदी दस्तावेज इटेलियन भाषा के हैं जिनका अनुवाद किया जा रहा है. हालांकि कोर्ट ने पूछा कि जांच पूरी होने में कितना वक्त लगेगा तो सीबीआई की ओर से एएसजी तुषार मेहता ने कहा कि वक्त के बारे में अभी नहीं बताया जा सकता.
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