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This Article is From Jun 05, 2015

मॉनसून पूर्वानुमान को वित्त मंत्री ने किया खारिज, लेकिन कृषि मंत्रालय तैयारियों में जुटा

मॉनसून पूर्वानुमान को वित्त मंत्री ने किया खारिज, लेकिन कृषि मंत्रालय तैयारियों में जुटा
कृषि मंत्री राधामोहन सिंह की फाइल फोटो
नई दिल्‍ली: केंद्रीय विज्ञान और प्रोद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने दो दिन पहले ख़राब मॉनसून के जो अंदेशा जताया उससे पैदा मायूसी को काटने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली बुधवार को सामने आये।

उत्तर पश्चिमी भारत मैं औसत का सिर्फ 85 फीसदी बारिश होने के मौसम विभाग के पूर्वानुमान पर सफाई देते हुए जेटली ने दावा किया कि कमज़ोर मॉनसून की वजह से अनाज की पैदावार नहीं घटेगी क्योंकि उत्तर पश्चिमी भारत में सिंचाई की काफी सुविधाएं हैं।

ये महत्वपूर्ण है की सोमवार को डॉ. हर्षवर्धन के बयान से बाजार में अनिश्चितता बढ़ी जिसकी वजह से वित्त मंत्री को बुधवार को सफाई देनी पड़ी। जेटली ने ये भी दावा किया की उत्तर पश्चिमी भारत को छोड़कर देश के बाकी हिस्सों में मॉनसून के हालत सामान्य रहेंगे।

उधर जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने कहा है कि उन्हें ये उम्मीद है इस बार सूखा नहीं पड़ेगा, लेकिन अगर ऐसे हालात बनते हैं तो एनडीए सरकार किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार है। उमा भारती ने कहा कि उनकी सरकार आम लोगों को सूखा प्रभावित नहीं होने देगी।

दूसरी तरफ कृषि मंत्रालय ने कमज़ोर मानसून के हालत से निपटने की तयारी शुरू कर दी है। एनडीटीवी इंडिया से बात करते हुए कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय बीज निगम किसानों को ऐसे बीज बांटेगा जो कम पानी में भी उपज सकें। जरूरत पड़ने पर सरकार प्रभावित किसानों को डीज़ल और सस्ती बिजली की सुविधा मुहैया कराएगी। साथ ही, कृषि मंत्रालय ने 580 ज़िलों के लिए आपदा योजना संशोधित कर दी है।

लेकिन पिछले साल पहले सूखा और फिर बेवक्त बारिश के मरे किसानों के लिए ये दिलासा पता नहीं कितना कारगर होगा।

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