यह ख़बर 12 फ़रवरी, 2013 को प्रकाशित हुई थी

अफजल के परिजनों को तिहाड़ जाने की इजाज़त, लेकिन वे मांग रहे हैं शव

खास बातें

  • संसद पर हमले का मास्टरमाइंड होने के नाते फांसी की सज़ा पाए अफजल गुरु के परिवार को केन्द्र सरकार ने तिहाड़ जेल में उसकी कब्र पर फातिहा पढ़ने की इजाजत दे दी है, हालांकि उसके परिवार ने इस पेशकश को ठुकरा दिया है।
नई दिल्ली:

संसद पर हमले का मास्टरमाइंड होने के नाते फांसी की सज़ा पाए अफजल गुरु के परिवार को केन्द्र सरकार ने तिहाड़ जेल में उसकी कब्र पर फातिहा पढ़ने की इजाजत दे दी है, हालांकि उसके परिवार ने इस पेशकश को ठुकरा दिया है।

इसके अलावा गृहसचिव आरके सिंह ने अफजल गुरु का सामान भी उसके परिवार को दिए जाने की बात कही, लेकिन अफजल गुरु के रिश्ते के भाई मोहम्मद यासीन ने कहा कि परिजन उसका (अफजल गुरु का) शव वापस चाहते हैं, ताकि उसे उसके गृहनगर सोपोर में दफनाया जा सके। यासीन ने कहा कि उन्हें सरकार की इस पेशकश में कोई दिलचस्पी नहीं है कि उन्हें हवाईमार्ग से अफजल गुरु की कब्र पर फातिहा पढ़ने के लिए ले जाया जाएगा। उनका कहना था कि यदि ज़रूरत पड़ी तो हम खुद ही दिल्ली जाएंगे।

केन्द्रीय गृहसचिव आरके सिंह ने कहा कि यदि अफजल गुरु के परिवार के निकटतम सदस्य तिहाड़ जेल आकर अफजल की कब्र पर प्रार्थना करना चाहते हैं तो हमें कोई दिक्कत नहीं है। सिंह से सवाल किया गया था कि क्या अफजल के परिजनों को उसकी कब्र पर आकर प्रार्थना करने दिया जाएगा।

तिहाड़ जेल के अधिकारी जल्द ही औपचारिक फैसला करेंगे कि अफजल के परिवार वालों को कब्र पर किस संभावित तारीख को आने दिया जाए।

गृह सचिव ने कहा कि तिहाड़ जेल में अफजल की सभी वस्तुओं को उसके परिवार वालों को सौंपा जाएगा।

सोमवार को केन्द्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिन्दे ने कहा था कि सरकार इस संबंध में अफजल के परिवार वालों के किसी भी आग्रह पर विचार करेगी।

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उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा था, ‘‘यदि वे (अफजल के परिवार वाले उसकी कब्र तक) जाना चाहते हैं तो उस पर विचार किया जा सकता है।