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This Article is From Apr 23, 2016

तीन दशक बाद अन्ना हजारे के गांव में टैंकर से हो रही है जलापूर्ति

तीन दशक बाद अन्ना हजारे के गांव में टैंकर से हो रही है जलापूर्ति
प्रतीकात्मक फोटो
मुंबई: अहमदनगर जिले में जल संरक्षण और वाटरशेड परियोजना को लेकर प्रसिद्ध अन्ना हजारे का गांव रालेगणसिद्धि भी सूखे की चपेट में है और वहां तीन टैंकरों से जलापूर्ति की जा रही है।

वर्षों पहले वाटरशेड परियोजना लागू हुई थी
सामाजिक कार्यकर्ता हजारे के एक सहयोगी ने कहा, ‘पिछले एक महीने से तीन टैंकर गांव में जलापूर्ति कर रहे हैं। पिछली बार इस गांव ने करीब तीन दशक पहले पानी के टैंकर देखे थे। उसके बार अन्ना हजारे ने गांव और उसके आसपास वाटरशेड परियोजना लागू की थी। ’

गहरे बोरवेल बंद होंगे
रालेगणसिद्धि पानी टैंकरों पर आश्रित है क्योंकि उसके जल संसाधन सूख चुके हैं। इससे कभी सूखा वाले अहमदनगर के इस अज्ञात गांव में वाटरशेड परियोजना चलाने वाले हजारे के माथे पर शिकन आ गई हैं। उन्होंने कहा, ‘ग्रामीणों ने संरक्षित भूजल का इस्तेमाल करने के लिए बोरवेलों का उपयोग किया है। इस गांव में 300 बोरवेल हैं और हमने उसे गांव के मानचित्र से बंद करने का फैसला किया है। 110 बोरवेल, जो 200 फुट से भी अधिक गहरे हैं को भरने का काम पहले ही शुरू हो चुका है। ’

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)

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