जम्मू-कश्मीर में धारा 35 ए और धारा 370 को खत्म किए जाने पर आतंकियों और पाकिस्तान की तरफ से बदले की कार्रवाई की आशंका बरकरार है. साथ ही राज्य में विरोध प्रदर्शनों के नाम पर हालात बिगड़ने की आशंका भी बनी हुई है. सूत्रों के मुताबिक इस बारे में ठोस इनपुट मिले हैं कि 15 अगस्त से पहले आतंकी IED ब्लास्ट, फिदायीन हमला और निशाना बनाकर आतंकी हमले जैसी कार्रवाई को अंजाम दे सकते हैं. सूत्रों के अनुसार जैश-ए-मोहम्मद के करीब पांच आतंकियों का एक गुट इस तरह की कार्रवाई को अंजाम देने के लिए 30-31 जुलाई को भारत में दाखिल हुआ है.
अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर फिलहाल पाकिस्तान की तरफ से कोई बड़ी कार्रवाई या संघर्ष विराम उल्लंघन नहीं किया गया है लेकिन बीते एक हफ्ते के दौरान आतंकी गतिविधियों में इजाफा हुआ है. 23 जुलाई के बाद से एलओसी पर आतंकी लांच पैड पर हथियारबंद आतंकियों की गतिविधियां बढ़ी हैं. किसी भी हालत से निपटने के लिए जम्मू-कश्मीर में सेना के फॉरमेशंस को अलर्ट रखा गया है.
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सेना के सूत्रों के मुताबिक सेना की भूमिका केवल आतंकवाद निरोधक ऑपरेशन में बनी रहेगी. जबकि कानून-व्यवस्था को संभालने का काम केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जिम्मे है. हालांकि जरूरत पड़ने पर यदि तैनाती की ज़रूरत होती है तो उसे पूरा किया जाएगा.
ताज़ा घटनाक्रम के मद्देनजर कोई अतिरिक्त तैनाती नहीं की गई है. सेना के सूत्रों ने यह भी कहा है कि इसके लागू होने से फिलहाल जम्मू-कश्मीर में जारी आतंकी घटनाओं में कोई खास असर नहीं पड़ेगा.
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