कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बीच संबंध शुक्रवार को उस समय और निचले स्तर पर पहुंच गए जब ममता बनर्जी की पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में अमेठी में राहुल गांधी की हार पर कटाक्ष किया और पूछा कि क्या कांग्रेस ट्विटर ट्रेंड के जरिये इस हार को मिटा सकती है. भाजपा के खिलाफ विपक्षी मोर्चे का नेतृत्व करने की इच्छा रखने वाले दोनों दलों के बीच शुक्रवार सुबह ट्विटर पर उस समय वाकयुद्ध शुरू हुआ जब चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस के लिए एक संदेश में कहा कि जो लोग लखीमपुर खीरी की घटना के बाद सबसे पुरानी पार्टी (जीओपी) कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन के त्वरित पुनरुद्धार की संभावना तलाश कर रहे हैं, वे बड़ी गलतफहमी में जी रहे हैं.
किशोर ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ''लखीमपुर खीरी की घटना के आधार पर जीओपी (कांग्रेस) के नेतृत्व वाले विपक्ष के त्वरित, सहज पुनरुद्धार की संभावना तलाश कर रहे लोग बड़ी गलतफहमी में जी रहे हैं.'' उन्होंने कहा, ''दुर्भाग्य से जीओपी की गहरी समस्याओं और संरचनात्मक कमजोरी का कोई त्वरित समाधान नहीं है.''
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तुरंत पलटवार करते हुए कहा कि राष्ट्रीय विकल्प बनने के लिए गहरे और ठोस प्रयासों की जरूरत है. उन्होंने ट्वीट किया, ''अपनी सीट भी नहीं जीत पाने वाले आईएनसी पदाधिकारियों को अपने पाले में ले जाकर एक ''राष्ट्रीय'' विकल्प की तलाश करने वाले लोग गलतफहमी में हैं. एक राष्ट्रीय विकल्प बनने के लिए गहरी जड़ें और ठोस प्रयासों की आवश्यकता होती है और दुर्भाग्य से इसका कोई त्वरित समाधान नहीं है.''
टीएमसी ने पटलवार करते हुए ट्वीट किया, ''पहली बार मुख्यमंत्री बने व्यक्ति की बड़ी-बड़ी बातें. अपनी हैसियत से ऊंची बात करना आपको शोभा नहीं देता श्रीमान भूपेश बघेल. यह आलाकमान को खुश करने का कितना घटिया प्रयास है! वैसे, क्या कांग्रेस एक और ट्विटर ट्रेंड के जरिए अमेठी की ऐतिहासिक हार को मिटाने की कोशिश कर रही है?''
पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी लोकसभा चुनाव में अमेठी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की हार की ओर इशारा कर रही थी.
कांग्रेस और टीएमसी के बीच संबंध हाल ही में टीएमसी के मुखपत्र ''जागो बांग्ला'' में एक लेख प्रकाशित होने के बाद तल्ख हो गए थे, जिसमें कहा गया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ममता बनर्जी विपक्ष का चेहरा बनकर उभरी हैं, राहुल गांधी नहीं.
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