पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने 2021 साल के आखिरी दिन शुक्रवार (31 दिसंबर) को पुलिस कर्मियों से कहा कि वे इस बात की चिंता नहीं करें कि कौन क्या बोल रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराधियों की पतलून उन्हें देखकर गीली हो जाती है.
माना जा रहा है कि चन्नी ने कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू पर तंज कसा है, जिन्होंने हाल में पार्टी के दो नेताओं की प्रशंसा करते हुए कहा था कि वे पुलिस कर्मियों तक की ‘पतूलन गीली कर देते हैं.'' हालांकि, बाद में सिद्धू ने सफाई देते हुए कहा था कि उनके बयान को गलत संदर्भ में नहीं लिया जाना चाहिए और उनका अभिप्राय कांग्रेस नेताओं के ‘प्राधिकार' को लेकर था.
चन्नी ने जालंधर में पंजाब सशस्त्र पुलिस (पीएपी) परिसर में आयोजित कार्यक्रम में बिना किसी का नाम लिए कहा कि पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी इस बात से बेपरवाह होकर करें कि कौन क्या कहता है.
उन्होंने कहा,‘‘ऐसे 100 लोग हो सकते हैं, जो मेरे खिलाफ कुछ भी कहते हैं, लेकिन मैं सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ रहा हूं. मुझे आम लोगों के कल्याण के लिए काम करना है, जैसे हमारे पुलिस बल भी उनके कल्याण के लिए काम करते हैं.''
चन्नी ने कहा कि अगर आपराधिक तत्व पुलिस बल पर कुदृष्टि डालेंगे या उनके खिलाफ अपशब्द बोलेंगे तो वह इसे खुद के और उनकी सरकार के खिलाफ समझेंगे.
राज्य में कानून व्यवस्था कायम रखने और पूर्व में आतंकवाद को खत्म करने में भूमिका के लिए पंजाब पुलिस की प्रशंसा करते हुए चन्नी ने कहा कि पंजाब के पुलिसकर्मी अपराधियों में खौफ भर देते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘जो अपराधी और असामाजिक तत्व हैं, उनकी पैंट पंजाब पुलिस के जवान को देखकर गीली हो जाती है.''
सिद्धू के बयान पर विवाद तब शुरू हुआ जब सिद्धू ने हाल ही में सुल्तानपुर लोधी में एक रैली में विधायक नवतेज सिंह चीमा की ओर इशारा करते हुए कहा था कि वह 'थानेदार (पुलिस वाले) की पैंट गीली करा सकते हैं.” इसके बाद उन्होंने पिछले रविवार (26 दिसंबर) को भी बटाला में एक रैली के दौरान यह बात दोहराई जब स्थानीय नेता अश्विनी सेखरी उनके साथ खड़े थे.
इसके बाद सिद्धू की टिप्पणी करते हुए ये वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी, जिस पर कुछ पुलिस अधिकारियों ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी. चंडीगढ़ के पुलिस उपाधीक्षक दिलशेर सिंह चंदेल ने सिद्धू की टिप्पणी को 'शर्मनाक' करार दिया और उन्हें मानहानि का नोटिस भेजा है.
पंजाब लोक कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि यह दुखद है कि पुलिस का अपमान किया जा रहा है. सिंह ने एक ट्वीट में कहा कि अपने पुलिसकर्मियों का अपमान देखकर दुख हुआ. पंजाब पुलिस के 1700 जवानों ने राज्य को काले दिनों से बाहर निकालने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी और अब पंजाब कांग्रेस और उनके अध्यक्ष द्वारा मजाक उड़ाया जा रहा है. उन्होंने इसे शर्मनाक करार देते हुए कहा कि किसी नेता को सम्मान पाने के लिए सम्मान देना चाहिए.
लुधियाना से कांग्रेस के सांसद रवनीत सिंह बिट्टू तक ने पुलिसकर्मियों की तरफदारी की और कोविड-19 के वक्त में तथा उग्रवाद के दौरान उनकी भूमिका की प्रशंसा की है.
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