शरद पवार (फाइल फोटो)
मुंबई:
राजनीति में फिलहाल हाशिए पर चल रहे पूर्व केंद्रीय कृषिमंत्री शरद पवार महाराष्ट्र के उस्मानाबाद में सड़क पर उतरेंगे। अपने राजनीतिक करिअर में महज दूसरी बार शरद पवार मोर्चा निकालने जा रहे हैं।
सतत सत्ता की राजनीति करने वाले पवार और उनकी पार्टी फिलहाल सत्ता से बेदखल हो चुके हैं। महाराष्ट्र में एनसीपी प्रमुख विपक्षी पार्टी भी न बन सकी। ऐसे में अपनी ताकत को दुबारा एकजुट करने के लिए शरद पवार खुद शुक्रवार को महाराष्ट्र में किसानों की बढ़ती आत्महत्याओं के खिलाफ़ आंदोलन करेंगे।
इन दिनों मराठवाड़ा में किसान आत्महत्याओं का दौर चल पड़ा है। महाराष्ट्र का यह हिस्सा सतत चौथी बार सूखे की मार झेल रहा है। ऐसे में यहां के किसानों की मदद के लिए सरकार पर दबाव बनाने के लिए पवार मैदान में उतरने जा रहे हैं।
इस से पहले 1980 में विपक्ष में रहते हुए शरद पवार ने तबकी कांग्रेसी राज्य सरकार के खिलाफ़ नागपुर में कपास आंदोलन के लिए मोर्चा निकाला था।
वैसे शरद पवार के खुद सड़क पर उतरने को शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भद्दा मज़ाक बताया है। उद्धव मुम्बई में अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि, पवार लंबे समय तक सत्ता में रहें। ऐसे में किसान की बदहाली की जिम्मेदारी उनकी है।
जाते जाते उन्होंने पवार पर जोरदार ताना कसते हुए कहा कि, शरद पवार अपने आंदोलन के समय जरूर किसी अधूरे बांध का मुआयना करें। पता चलेगा की उनके भतीजे अजीत पवार ने क्या बदहाल अवस्था में छोड़ा है यह राज्य। वैसे किसी बांध के पास अजीत पवार को न ले जाएं।
उद्धव की इस टिप्पणी का सन्दर्भ अजीत पवार के उस विवादित किसान विरोधी बयान से है जिसमें अजीत पवार ने कहा था कि, अगर बांध में पानी नहीं तो क्या वे पेशाब से इसे भर दें?
सतत सत्ता की राजनीति करने वाले पवार और उनकी पार्टी फिलहाल सत्ता से बेदखल हो चुके हैं। महाराष्ट्र में एनसीपी प्रमुख विपक्षी पार्टी भी न बन सकी। ऐसे में अपनी ताकत को दुबारा एकजुट करने के लिए शरद पवार खुद शुक्रवार को महाराष्ट्र में किसानों की बढ़ती आत्महत्याओं के खिलाफ़ आंदोलन करेंगे।
इन दिनों मराठवाड़ा में किसान आत्महत्याओं का दौर चल पड़ा है। महाराष्ट्र का यह हिस्सा सतत चौथी बार सूखे की मार झेल रहा है। ऐसे में यहां के किसानों की मदद के लिए सरकार पर दबाव बनाने के लिए पवार मैदान में उतरने जा रहे हैं।
इस से पहले 1980 में विपक्ष में रहते हुए शरद पवार ने तबकी कांग्रेसी राज्य सरकार के खिलाफ़ नागपुर में कपास आंदोलन के लिए मोर्चा निकाला था।
वैसे शरद पवार के खुद सड़क पर उतरने को शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भद्दा मज़ाक बताया है। उद्धव मुम्बई में अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि, पवार लंबे समय तक सत्ता में रहें। ऐसे में किसान की बदहाली की जिम्मेदारी उनकी है।
जाते जाते उन्होंने पवार पर जोरदार ताना कसते हुए कहा कि, शरद पवार अपने आंदोलन के समय जरूर किसी अधूरे बांध का मुआयना करें। पता चलेगा की उनके भतीजे अजीत पवार ने क्या बदहाल अवस्था में छोड़ा है यह राज्य। वैसे किसी बांध के पास अजीत पवार को न ले जाएं।
उद्धव की इस टिप्पणी का सन्दर्भ अजीत पवार के उस विवादित किसान विरोधी बयान से है जिसमें अजीत पवार ने कहा था कि, अगर बांध में पानी नहीं तो क्या वे पेशाब से इसे भर दें?
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