जयललिता की फाइल फोटो
बेंगलुरु:
कर्नाटक हाई कोर्ट ने हाल ही में जयललिता को आय से अधिक संपत्ति मामले में बरी कर दिया था जबकि निचली अदालत ने उन्हें 4 साल की जेल और 100 करोड़ रुपये के जुर्माने की सज़ा सुनायी थी।
कर्नाटक के महा अधिवक्ता रवि वर्मा कुमार ने कर्नाटक सरकार को सलाह दी है कि हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करनी चाहिए। उनसे पहले सरकारी वकील बी वी आचार्य ने भी फैसले को चुनौति देने की सलाह कर्नाटक सरकार को दी थी।
राज्य के महा अधिवक्ता और सरकारी वकील की अनुशंसा को देखते हुए कानून मंत्री टी.बी. जयचंद्रा ने कानून सचिव और दूसरे अधिकारियों से सलाह मशविरा किया।
ऐसा माना जा रहा है कि क़ानून मंत्री ने इस सिलसिले में ड्राफ्ट तैयार करने का निर्देश कानून सचिव को दिया है ताकि अगर ज़रूरत पड़े तो गुरुवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में अपील के मामले पर क़ानून मंत्रालय अपना पक्ष रख सके।
चूंकि मामला जयललिता से जुड़ा है ऐसे में माना जा रहा है कि अपील की जाए या नहीं ये फैसला दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान लेगा जिसपर कैबिनेट अपनी मुहर लगाएगी।
वहीं दूसरी तरफ अटकलें लगाई जा रही हैं कि जयललिता इस महीने की 22 तारिख को विधायक दाल की बैठक के बाद नेता चुनी जाएंगी और वो एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगी। ऐसा माना जा रहा है कि चेन्नई के आरके नगर कॉन्स्टिचुएंसी से एआईएडीएमके विधायक पी वेत्रिवेल ने इसी मक़सद से इस्तीफा दिया है ताकि जयललिता वहां से उप चुनाव लड़ सकें।
तक़रीबन 67 करोड़ रुपये के आय से अधिक संपत्ति के इस मामले को लगभग 18 साल पहले अदालत ले जाने वाले सुब्रहमण्यम स्वामी और डीएमके भी कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौति दे सकते हैं।
कर्नाटक के महा अधिवक्ता रवि वर्मा कुमार ने कर्नाटक सरकार को सलाह दी है कि हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करनी चाहिए। उनसे पहले सरकारी वकील बी वी आचार्य ने भी फैसले को चुनौति देने की सलाह कर्नाटक सरकार को दी थी।
राज्य के महा अधिवक्ता और सरकारी वकील की अनुशंसा को देखते हुए कानून मंत्री टी.बी. जयचंद्रा ने कानून सचिव और दूसरे अधिकारियों से सलाह मशविरा किया।
ऐसा माना जा रहा है कि क़ानून मंत्री ने इस सिलसिले में ड्राफ्ट तैयार करने का निर्देश कानून सचिव को दिया है ताकि अगर ज़रूरत पड़े तो गुरुवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में अपील के मामले पर क़ानून मंत्रालय अपना पक्ष रख सके।
चूंकि मामला जयललिता से जुड़ा है ऐसे में माना जा रहा है कि अपील की जाए या नहीं ये फैसला दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान लेगा जिसपर कैबिनेट अपनी मुहर लगाएगी।
वहीं दूसरी तरफ अटकलें लगाई जा रही हैं कि जयललिता इस महीने की 22 तारिख को विधायक दाल की बैठक के बाद नेता चुनी जाएंगी और वो एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगी। ऐसा माना जा रहा है कि चेन्नई के आरके नगर कॉन्स्टिचुएंसी से एआईएडीएमके विधायक पी वेत्रिवेल ने इसी मक़सद से इस्तीफा दिया है ताकि जयललिता वहां से उप चुनाव लड़ सकें।
तक़रीबन 67 करोड़ रुपये के आय से अधिक संपत्ति के इस मामले को लगभग 18 साल पहले अदालत ले जाने वाले सुब्रहमण्यम स्वामी और डीएमके भी कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौति दे सकते हैं।
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