फाइल फोटो।
नई दिल्ली:
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दागी नेताओं से संबंधित अध्यादेश वापस लिए जाने के लिए भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी द्वारा उन्हें श्रेय दिए जाने को अटकलबाजी करार दिया और कहा कि उनका इस घटनाक्रम से कोई लेना देना नहीं है।
बेल्जियम और तुर्की की यात्रा के दूसरे चरण में विशेष विमान पर उनके साथ यात्रा कर रहे संवाददाताओं से राष्ट्रपति ने कहा, ‘मैं विपक्ष के विचारों पर टिप्पणी नहीं कर सकता। जिसने भी मुझसे मुलाकात का वक्त मांगा, मैंने दिया। भाजना नेताओं ने मुझसे भेंट की, आम आदमी पार्टी ने मुझसे मुलाकात की। मुझे अध्यादेश के विरुद्ध विभिन्न अभिवेदन प्राप्त हुए।’ उन्होंने कहा, ‘मैंने प्रधानमंत्री के साथ चर्चा की और जो कुछ भी हुआ आप सभी जानते हैं। मंत्रिमंडल ही अध्यादेश का जन्मदाता था।’ उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने अपनी बुद्धिमता के आधार पर दो अक्टूबर को हुई बैठक में अध्यादेश को वापस लेने का फैसला किया।
प्रणब ने कहा, ‘यही सच है। इसके बीच में कौन जिम्मेदार है, कैसे जिम्मेदार है और किस हद तक जिम्मेदार है, यह सब सिर्फ लोगों की अटकलें हैं। मेरा उससे कोई लेना देना नहीं है।’ आडवाणी ने अध्यादेश वापस लिए जाने का श्रेय राष्ट्रपति को देते हुए प्रधानमंत्री तथा संप्रग के अधिकारों पर अपने कड़े शब्दों से पानी फेरने के लिए राहुल गांधी की आलोचना की थी।
आडवाणी ने अपने ब्लॉग पर लिखा, ‘इस अवैध और अनैतिक अध्यादेश को वापस लिए जाने पर देश की जो जीत हुई है उसके लिए सिर्फ राष्ट्रपति ही बधाई के पात्र हैं और यदि संप्रग यह समझ रही है कि इस शीर्ष पद को संभालने वाले पूर्ववर्ती कांग्रेस सदस्यों की भांति वह भी महज रबड़ स्टांप साबित होंगे तो यह उसकी भारी भूल होगी।’
बेल्जियम और तुर्की की यात्रा के दूसरे चरण में विशेष विमान पर उनके साथ यात्रा कर रहे संवाददाताओं से राष्ट्रपति ने कहा, ‘मैं विपक्ष के विचारों पर टिप्पणी नहीं कर सकता। जिसने भी मुझसे मुलाकात का वक्त मांगा, मैंने दिया। भाजना नेताओं ने मुझसे भेंट की, आम आदमी पार्टी ने मुझसे मुलाकात की। मुझे अध्यादेश के विरुद्ध विभिन्न अभिवेदन प्राप्त हुए।’ उन्होंने कहा, ‘मैंने प्रधानमंत्री के साथ चर्चा की और जो कुछ भी हुआ आप सभी जानते हैं। मंत्रिमंडल ही अध्यादेश का जन्मदाता था।’ उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने अपनी बुद्धिमता के आधार पर दो अक्टूबर को हुई बैठक में अध्यादेश को वापस लेने का फैसला किया।
प्रणब ने कहा, ‘यही सच है। इसके बीच में कौन जिम्मेदार है, कैसे जिम्मेदार है और किस हद तक जिम्मेदार है, यह सब सिर्फ लोगों की अटकलें हैं। मेरा उससे कोई लेना देना नहीं है।’ आडवाणी ने अध्यादेश वापस लिए जाने का श्रेय राष्ट्रपति को देते हुए प्रधानमंत्री तथा संप्रग के अधिकारों पर अपने कड़े शब्दों से पानी फेरने के लिए राहुल गांधी की आलोचना की थी।
आडवाणी ने अपने ब्लॉग पर लिखा, ‘इस अवैध और अनैतिक अध्यादेश को वापस लिए जाने पर देश की जो जीत हुई है उसके लिए सिर्फ राष्ट्रपति ही बधाई के पात्र हैं और यदि संप्रग यह समझ रही है कि इस शीर्ष पद को संभालने वाले पूर्ववर्ती कांग्रेस सदस्यों की भांति वह भी महज रबड़ स्टांप साबित होंगे तो यह उसकी भारी भूल होगी।’
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