पटना:
बिहार को विशेष दर्जा दिलाने के उद्देश्य से केंद्र पर दबाव बनाने के लिए प्रदेश में सत्ताधारी पार्टी जेडीयू यू द्वारा गांधी मैदान में होने वाली अधिकार रैली के दौरान सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए जाने के साथ अवांछित तत्वों पर नजर रखने के लिए गांधी मैदान सहित शहर के महत्वपूर्ण चौक-चौराहों पर उच्च शक्ति वाले कैमरे लगाए गए हैं।
बिहार के पुलिस महानिदेशक अभयानंद ने बताया कि अधिकार रैली के दौरान कानून-व्यवस्था और यातायात व्यवस्था को ध्यान में रखकर पर्याप्त संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है और अवांछित तत्वों पर नजर रखने के लिए गांधी मैदान सहित शहर के महत्वपूर्ण चौक-चौराहों पर हाई रिजोल्यूशन और हाई जूम कैमरे लगाए गए हैं।
अधिकार रैली के मद्देनजर पटना में तैनात किए गए सुरक्षाकर्मियों में 1500 से अधिक ट्रैफिक पुलिस भी शामिल हैं। वहीं प्रदेश में सत्ताधारी पार्टी जेडीयू के मंत्रियों और विधायकों द्वारा अधिकार रैली में भाग लेने के लिए पटना पहुंचने वाले लोगों के लिए अपनी-अपनी ओर से खानपान और आवास की व्यवस्था की गई है और इसके लिए उनके आवासों पर बड़े-बड़े पंडाल लगाए गए हैं।
दानापुर रेल मंडल सूत्रों के मुताबिक जेडीयू के सांसदों और अन्य नेताओं द्वारा नौ लाख रुपये राशि देकर रैली के लिए सात ट्रेनें आरक्षित की गई हैं।
इस बीच, बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने अधिकार रैली के कारण राज्य में प्रशासनिक कार्य के ठप हो जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकारी प्रशासन जनता के लिए होता है पर यहां प्रशासनिक अधिकारी इस कोशिश में लगे हैं कि वे कैसे रैली को सफल बनाकर अपने आकाओं को खुश कर सकें। उन्होंने आरोप लगाया कि पटना शहर में मरीजों को ले जा रहे एम्बुलेंसों को जहां रोका जा रहा है, वहीं ट्रैफिक पुलिस अधिकार रैली में आने वालों को बेरोक-टोक आने-जाने दे रही है।
बिहार के पुलिस महानिदेशक अभयानंद ने बताया कि अधिकार रैली के दौरान कानून-व्यवस्था और यातायात व्यवस्था को ध्यान में रखकर पर्याप्त संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है और अवांछित तत्वों पर नजर रखने के लिए गांधी मैदान सहित शहर के महत्वपूर्ण चौक-चौराहों पर हाई रिजोल्यूशन और हाई जूम कैमरे लगाए गए हैं।
अधिकार रैली के मद्देनजर पटना में तैनात किए गए सुरक्षाकर्मियों में 1500 से अधिक ट्रैफिक पुलिस भी शामिल हैं। वहीं प्रदेश में सत्ताधारी पार्टी जेडीयू के मंत्रियों और विधायकों द्वारा अधिकार रैली में भाग लेने के लिए पटना पहुंचने वाले लोगों के लिए अपनी-अपनी ओर से खानपान और आवास की व्यवस्था की गई है और इसके लिए उनके आवासों पर बड़े-बड़े पंडाल लगाए गए हैं।
दानापुर रेल मंडल सूत्रों के मुताबिक जेडीयू के सांसदों और अन्य नेताओं द्वारा नौ लाख रुपये राशि देकर रैली के लिए सात ट्रेनें आरक्षित की गई हैं।
इस बीच, बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने अधिकार रैली के कारण राज्य में प्रशासनिक कार्य के ठप हो जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकारी प्रशासन जनता के लिए होता है पर यहां प्रशासनिक अधिकारी इस कोशिश में लगे हैं कि वे कैसे रैली को सफल बनाकर अपने आकाओं को खुश कर सकें। उन्होंने आरोप लगाया कि पटना शहर में मरीजों को ले जा रहे एम्बुलेंसों को जहां रोका जा रहा है, वहीं ट्रैफिक पुलिस अधिकार रैली में आने वालों को बेरोक-टोक आने-जाने दे रही है।
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