
- पटना के तारामंडल में राज्य के 30 स्कूलों से आए 60 बच्चों ने विकसित बिहार का अपना विजन साझा किया
- बच्चों के विजन को राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को दिया जाएगा ताकि उनके एजेंडा में शामिल किया जा सके
- राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने बच्चों को सुनकर शिक्षा के महत्व और अपने बचपन की यादें साझा कीं
बिहार के चुनावी मैदान में राजनीतिक दलों के साथ साथ अब बच्चे भी कूद गए हैं. पटना में प्रदेश के अलग-अलग स्कूलों से आए बच्चों ने विकसित बिहार का अपना विजन साझा किया. बच्चों के विजन को राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को भी दिया जाएगा ताकि वह उनके एजेंडा का हिस्सा बन सकें.
बच्चों ने बारी बारी से मंच पर अपनी बात रखी. उन्होंने बताया कि उन्हें कैसा बिहार चाहिए. विकसित बिहार का उनका रोडमैप क्या है. इस कार्यक्रम में पटना के तारामंडल में राज्य के 30 स्कूल से 60 बच्चों ने भाग लिया था. बच्चों को सुनने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान भी पहुंचे थे. इन बच्चों को सुनकर उन्हें भी अपना बचपन याद आ गया.
उन्होंने कहा, "मैं खुद स्कूल से ही डिबेट में हिस्सा लेता था. मेरे टीचर मुझे याद आ गए जो मुझे प्रमोट करते थे मेरा उत्साह बढ़ाते थे. इन्होंने अपनी भावनाएं बताई हैं. आगे और ज्यादा ज्ञान अर्जित करना चाहिए. जो भी यह करना चाहते हैं इसका एक ही रास्ता है एजुकेशन."
स्कूली बच्चों ने टूरिज्म, इंडस्ट्री, फाइनेंशियल एंपावरमेंट पर जोर देने की बात कही ताकि बिहार का विकास हो सके. अनुषा ठाकुर ने कहा, "फाइनेंशियल एंपावरमेंट जरूरी है. हमारा बिहार एक बैकवर्ड स्टेट कहा रहा है क्योंकि सीडी रेशियो काफी लो है. जहां नेशनल एवरेज 70% है. बिहार बिलो 50 परसेंट है. इसे इंप्रूव करना काफी जरूरी है."
अंशिका पांडे ने कहा, "इंडस्ट्री से एम्प्लॉयमेंट जेनरेट होगा, बिहार में यूथ काफी ज्यादा है, उनको एम्प्लॉयमेंट मिलेगा तो उनकी फैमिली की कंडीशन भी काफी बेहतर हो जाएगी, इससे जीडीपी में भी बिहार का कॉन्ट्रिब्यूशन बढ़ेगा,"
इन बच्चों के विजन को राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों तक भी पहुंचाया जाएगा ताकि इनके आईडिया को राजनीतिक दलों के एजेंडा में शामिल किया जा सके. खुर्शीद अहमद ने कहा, "हमें 60 साल हो गए लेकिन बच्चों को 60 साल बिहार में रहना है इसलिए उनसे पूछा जाए कि उनका बिहार कैसा हो. उन्होंने काफी अच्छी बातें की. इसकी पूरी एक रिपोर्ट बनेगी, पॉलीटिकल पार्टी के लोग भी आए थे. उन्होंने बच्चों की बातों को सुना. हम रिपोर्ट बनाकर उन्हें भेजेंगे."
यह बच्चे ही कल का भविष्य हैं इसलिए उनकी राय भी काफी अहम है. उन्होंने अपने सपने बताए हैं, उम्मीद इस बात की है कि यह सपने पूरे होंगे. बिहार बेहतर बिहार बनेगा.
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