यह ख़बर 03 जनवरी, 2011 को प्रकाशित हुई थी

आदर्श घोटाला : सुभाष लाला ने इस्तीफा दिया

खास बातें

  • लाला मुख्यमंत्री कार्यालय में उस वक्त सचिव थे जब राज्य सचिवालय में सोसाइटी से जुड़ी फाइल प्रोसेस की जा रही थी।
मुंबई:

पूर्व आईएएस अधिकारी सुभाष लाला ने सोमवार को राज्य मानवाधिकार आयोग के सदस्य के पद से इस्तीफा दे दिया। लाला के सगे-संबंधी के नाम भी आदर्श हाउसिंग सोसाइटी में एक फ्लैट आवंटित है। लाला ने राज्यपाल के शंकरनारायण से मुलाकात की और उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया। राजभवन के एक प्रवक्ता ने कहा, राज्यपाल ने लाला का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। लाला मुख्यमंत्री कार्यालय में उस वक्त सचिव थे जब राज्य सचिवालय में सोसाइटी से जुड़ी फाइल प्रोसेस की जा रही थी। आदर्श घोटाले में कथित संलिप्तता को लेकर इस्तीफा देने वाले वह पहले नौकरशाह हैं। अशोक चव्हाण को पिछले साल मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने के लिए बाध्य किया गया था। चव्हाण को तब इस्तीफा देना पड़ा था जब इस बात का खुलासा हुआ था कि उनकी दिवंगत सास समेत अन्य रिश्तेदारों के नाम आदर्श सोसाइटी में फ्लैट आवंटित है। राज्य सरकार द्वारा आवासीय सोसाइटी घोटाले में कथित संलिप्तता को लेकर पूर्व नौकरशाह रामानंद तिवारी और लाला का इस्तीफा मांगे जाने की रपटों के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था। चव्हाण ने पिछले हफ्ते कहा था, मुख्य सचिव से कहा गया था कि वह दोनों अधिकारियों से मिलें ताकि वह आदर्श सोसाइटी घोटाले के संबंध में कुछ सूचनाएं हासिल कर सकें। मैं और कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। पूर्व शहरी विकास सचिव तिवारी राज्य के सूचना आयुक्त हैं। लाला ने अपने त्यागपत्र में कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग की गरिमा को कायम रखने के लिए इस्तीफा दिया था। उन्होंने कहा कि इस्तीफा स्वेच्छा से दिया है ताकि सरकार को और खुद को शर्मिंदा होने से बचाया जा सके। फैसले के पीछे कोई अपराध बोध या गलत कार्य करने का अहसास नहीं जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि आदर्श सोसाइटी घोटाले में उनका नाम दुर्भाग्य से आया। उन्होंने कहा कि सोसाइटी में फ्लैटों की खरीद में उनकी कोई भूमिका नहीं थी। लाला ने कहा कि सोसाइटी में उनके रिश्तेदारों की सदस्यता सचिवालय :मंत्रालय: में साल 2000 में उनके आने से काफी पहले की थी। ऐसा उनके पिता के कारण है क्योंकि वह रक्षाकर्मी थे। उन्होंने कहा, मेरे दिवंगत पिता शालीग्राम लाला मिल्रिटी इंजीनियरिंग सर्विसेज में काम करते थे और नागपुर जिले में स्थित कांप्टी छावनी में सेवानिवृत्त हुए। वह सेवानिवृत्त होने के बाद भी वहां रह रहे थे। उन्होंने कहा, आदर्श को-आपरेटिव सोसाइटी के मुख्य प्रमोटर आरसी ठाकुर मेरे पिता के पड़ोसी थे। दोनों के बीच अच्छे सामाजिक संबंधों के कारण मेरे पिता को आदर्श को-आपरेटिव आवासीय सोसाइटी का सदस्य चुना गया। उन्होंने कहा, उनके पिता की मृत्यु के बाद सदस्यता मेरी मां सुशीला शालीग्राम को दे दी गई। मेरी पुत्री को सदस्य के तौर पर शामिल किया गया क्योंकि सोसाइटी के गठन के वक्त कुछ रिक्तियां उपलब्ध थीं। मेरी मां इस सोसाइटी की जुलाई 1998 के समय से सदस्य रही हैं और मेरी पुत्री अप्रैल 1999 में सदस्य बनी। लाला ने कहा, मैं मंत्रालय में सामाजिक न्याय विभाग के सचिव के तौर पर साल 2000 के मध्य में पदस्थापित हुआ और मुख्यमंत्री कार्यालय में साल 2004 के उत्तरार्ध में आया।


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