मुंबई:
दक्षिण भारतीय फिल्मों की हिरोईन लीना पॉल मारिया ने दिल्ली की जेल से निकलने के बाद भी हेराफेरी करना नही छोड़ा। नतीजा सालभर बाद अब मुंबई पुलिस के हत्थे चढ़ गई है। लीना हिंदी फिल्म 'मद्रास कैफे' में भी काम कर चुकी है। उस फिल्म वो तमिल विद्रोही के रोल में थी।
मुंबई पुलिस की आर्थिक शाखा के सहआयुक्त धनंजय कमलाकर के मुताबिक लीना और उसके साथी पर फर्जी निवेश स्कीम के नाम पर करोड़ों रुपये ऐंठने का आरोप है।
धनंजय कमलाकर ने बताया कि लीना और उसके साथी शेखर दिल्ली में जेल से छूटने के बाद साल 2014 में मुंबई के गोरेगांव में रहने आ गये। यहां आकर उन्होंने लॉयन ओक इंडिया नाम की फर्जी वीत्तिय कंपनी बनाकर ठगने का गोरखधंधा शुरू किया। 5 लाख का निवेश करने पर मंहगी विदेशी घड़ी और 10 लाख रुपये का निवेश करने पर टाटा नैनो कार बतौर उपहार देने जैसी करीब 25 स्कीमें खोल रखी थी। निवेश की गई रकम पर 20 गुना तक रकम वापस करने का सब्जबाग दिखाया जाता था।
इस शातिर ठग जोड़ी के 4 दूसरे साथियों के पास से एक हजार के करीब निवेश के सर्टिफिकेट मिले हैं। जिससे पुलिस का अनुमान है कि ये लोग अब तक 10 करोड़ से भी ज्यादा रुपये ऐंठ चुके हैं। हैरानी की बात है कि इनके ज्यादातर निवेशकों में डॉक्टर हैं।
ऐसे ही एक डॉक्टर मुर्सलीन शेख ने एनडीटीवी को बताया कि दूसरे एक डॉक्टर वोरा के कहने पर उन्होंने 5 लाख रुपये निवेश किये थे। तीन महीने बाद जब वो रुपये वापस मांगने गये तब शेखर ने रुपये वापस करने की बजाय उन्हें फिर से स्कीम मे लगाने को कहा और बदले में डस्टर गाड़ी और 8 लाख रुपये का गॉगल देने का वादा किया। शेखर ने उन्हें बताया कि डॉक्टर वोरा को ऐसा ही एक गॉगल वो गिफ्ट कर चुका है।
मुर्सलीन के मुताबिक एक डॉक्टर ने तो अकेले एक करोड़ रुपये का निवेश किया है। पुलिस के मुताबिक इस ठग जोड़ी का मायाजाल कुछ इस तरह का था कि लोग बड़ी आसानी से इनके जाल में फंस जाते थे।
लोगों पर रौब गांठने के लिये शेखर अपने दफ्तर में सिंहासन नुमा कुर्सी पर बैठता था। साथ बंदूक और बॉडीगार्ड भी होते थे। मंहगी विदेशी कारों में चलते थे। कारों के काफिलों मे ऑडी, मर्सिडीज, बेंटले, मसराती, टाटा सफारी और निसान जैसी कारें शामिल हैं। बरामद कारों की किमत तकरीबन 5 करोड़ रुपये बतायी जा रही है।
इसके अलावा इनके पास से 1 करोड़ 17 लाख रुपये की 117 कलाई घड़ियां, 2 बंदुकें, 37 लाख 40 हजार रुपये के 12 मंहगे मोबाईल फोन और 3 लाख 50 हजार नकद भी बरामद किया गया है।
मुंबई पुलिस की आर्थिक शाखा के सहआयुक्त धनंजय कमलाकर के मुताबिक लीना और उसके साथी पर फर्जी निवेश स्कीम के नाम पर करोड़ों रुपये ऐंठने का आरोप है।
धनंजय कमलाकर ने बताया कि लीना और उसके साथी शेखर दिल्ली में जेल से छूटने के बाद साल 2014 में मुंबई के गोरेगांव में रहने आ गये। यहां आकर उन्होंने लॉयन ओक इंडिया नाम की फर्जी वीत्तिय कंपनी बनाकर ठगने का गोरखधंधा शुरू किया। 5 लाख का निवेश करने पर मंहगी विदेशी घड़ी और 10 लाख रुपये का निवेश करने पर टाटा नैनो कार बतौर उपहार देने जैसी करीब 25 स्कीमें खोल रखी थी। निवेश की गई रकम पर 20 गुना तक रकम वापस करने का सब्जबाग दिखाया जाता था।
इस शातिर ठग जोड़ी के 4 दूसरे साथियों के पास से एक हजार के करीब निवेश के सर्टिफिकेट मिले हैं। जिससे पुलिस का अनुमान है कि ये लोग अब तक 10 करोड़ से भी ज्यादा रुपये ऐंठ चुके हैं। हैरानी की बात है कि इनके ज्यादातर निवेशकों में डॉक्टर हैं।
ऐसे ही एक डॉक्टर मुर्सलीन शेख ने एनडीटीवी को बताया कि दूसरे एक डॉक्टर वोरा के कहने पर उन्होंने 5 लाख रुपये निवेश किये थे। तीन महीने बाद जब वो रुपये वापस मांगने गये तब शेखर ने रुपये वापस करने की बजाय उन्हें फिर से स्कीम मे लगाने को कहा और बदले में डस्टर गाड़ी और 8 लाख रुपये का गॉगल देने का वादा किया। शेखर ने उन्हें बताया कि डॉक्टर वोरा को ऐसा ही एक गॉगल वो गिफ्ट कर चुका है।
मुर्सलीन के मुताबिक एक डॉक्टर ने तो अकेले एक करोड़ रुपये का निवेश किया है। पुलिस के मुताबिक इस ठग जोड़ी का मायाजाल कुछ इस तरह का था कि लोग बड़ी आसानी से इनके जाल में फंस जाते थे।
लोगों पर रौब गांठने के लिये शेखर अपने दफ्तर में सिंहासन नुमा कुर्सी पर बैठता था। साथ बंदूक और बॉडीगार्ड भी होते थे। मंहगी विदेशी कारों में चलते थे। कारों के काफिलों मे ऑडी, मर्सिडीज, बेंटले, मसराती, टाटा सफारी और निसान जैसी कारें शामिल हैं। बरामद कारों की किमत तकरीबन 5 करोड़ रुपये बतायी जा रही है।
इसके अलावा इनके पास से 1 करोड़ 17 लाख रुपये की 117 कलाई घड़ियां, 2 बंदुकें, 37 लाख 40 हजार रुपये के 12 मंहगे मोबाईल फोन और 3 लाख 50 हजार नकद भी बरामद किया गया है।
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