तीस्ता सीतलवाड़ (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
सोमवार को दिल्ली का प्रेस क्लब दिल्ली के बड़े बुद्धिजीवियों, पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं से भरा दिखा। उन्होंने गुजरात दंगों के मामले उठाने के लिए चर्चित तीस्ता सीतलवाड़ और जावेद आनंद का समर्थन करते हुए कहा कि जांच एजेंसियां तीस्ता सीतलवाड़ का उत्पीड़न कर रही हैं और विदेशी चंदे के दुरुपयोग के नाम पर उन्हें तंग किया जा रहा है।
तीस्ता सीतलवाड के समर्थन में हुई जन सुनवाई में समाजसेवी भी सामने आए, बड़े पत्रकार भी और सुप्रीम कोर्ट के कई जाने-माने सीनियर एडवोकेट भी। सबने ये सवाल उठाया कि मौजूदा परिस्थिति में जिस तरह से जांच एजेंसियां कार्रवाई कर रही हैं, उससे उनकी मंशा पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण ने एनडीटीवी से कहा, "तीस्ता सीतलवाड़ ने गुजरात दंगों का सच सामने लाने के लिए काफी काम किया है। उनके खिलाफ बोगस मामला है। जांच एजेंसियां बदले की भावना से काम कर रही हैं।"
सुप्रीम कोर्ट की ही सीनियर एडवोकेट कामिनी जायसवाल ने ये सवाल उठाया, "अगर हम मान भी लें कि FCRA का उल्लंघन हुआ है, जब भी क्या उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला बनता है?"
जबकि 'द हिन्दू' के पूर्व संपादक सिद्धार्थ वरदराजन ने आरोप लगाया कि तीस्ता के खिलाफ जांच शुरू करने के पीछे मंशा उन्हें गुजरात दंगों को लेकर चल रही न्यायिक प्रक्रिया से अलग करने की है। गुजरात दंगों की जांच आगे ले जाने की प्रक्रिया को sabotage करने की है।
उधर तीस्ता सीतलवाड़ ने एक बयान जारी कर कहा है कि जो भी उनकी संस्थाओं के खाते देखना चाहता है, आकर देख सकता है।
तीस्ता सीतलवाड के समर्थन में हुई जन सुनवाई में समाजसेवी भी सामने आए, बड़े पत्रकार भी और सुप्रीम कोर्ट के कई जाने-माने सीनियर एडवोकेट भी। सबने ये सवाल उठाया कि मौजूदा परिस्थिति में जिस तरह से जांच एजेंसियां कार्रवाई कर रही हैं, उससे उनकी मंशा पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण ने एनडीटीवी से कहा, "तीस्ता सीतलवाड़ ने गुजरात दंगों का सच सामने लाने के लिए काफी काम किया है। उनके खिलाफ बोगस मामला है। जांच एजेंसियां बदले की भावना से काम कर रही हैं।"
सुप्रीम कोर्ट की ही सीनियर एडवोकेट कामिनी जायसवाल ने ये सवाल उठाया, "अगर हम मान भी लें कि FCRA का उल्लंघन हुआ है, जब भी क्या उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला बनता है?"
जबकि 'द हिन्दू' के पूर्व संपादक सिद्धार्थ वरदराजन ने आरोप लगाया कि तीस्ता के खिलाफ जांच शुरू करने के पीछे मंशा उन्हें गुजरात दंगों को लेकर चल रही न्यायिक प्रक्रिया से अलग करने की है। गुजरात दंगों की जांच आगे ले जाने की प्रक्रिया को sabotage करने की है।
उधर तीस्ता सीतलवाड़ ने एक बयान जारी कर कहा है कि जो भी उनकी संस्थाओं के खाते देखना चाहता है, आकर देख सकता है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
तीस्ता सीतलवाड़, समर्थन, वकील, पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता, Teesta Sitlvadh, Support, Lawyer, Journalist, Social Worker